✍राजेश कुमार तिवारी इंडियन टीवी न्यूज़
इंदिरा नगर चौराहे के समीप शासन की जमीन पर हो रहा कब्जा, दुकानों के पीछे मौजूद जमीन चढ़ रही कब्जे की भेंट, ज़िम्मेदार मौन
कटनी। नगर निगम अपने स्वामित्व की जमीनों को बचा पाने में लगातार नाकामयाब दिखाई देती है। यही वजह है कि नगर निगम के स्वामित्व की जमीन तेजी से कब्जे की भेंट चढ़ती जा रही हैं। शहर के विभिन्न हिस्सों में मौजूद शासकीय जमीनों पर हो रहे कब्जे इस बात को प्रमाणित करते हैं। ताजा मामला इंद्रा नगर चौराहे के समीप स्थित स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल से सटे नगर निगम की दुकानों के पीछे मौजूद शासकीय जमीन का है। दुकानों के पीछे मौजूद शासकीय जमीन पर धड़ल्ले से निर्माण कार्य जारी है। कुछ दिनों के अंदर ही रात दिन एक करके यहां पर बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी गई हैं। जल्द ही छत डालकर पूरी तरह से कब्जा स्थापित कर दिया जाएगा, इसके बाद इसे तोड़ पाना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर बन जाएगा।
जिम्मेदार क्यों मौन
वैसे तो नगर निगम के अधिकारी एवं पार्षद सहित अन्य जिम्मेदार क्षेत्र में एक तिनका भी इधर से उधर हो जाए तो तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्यवाही का ढोल पीटने लगते हैं, मगर ताजुब है कि यहां राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी शासकीय जमीन पर कब्जा हो रहा है और जिम्मेदार मौन बैठे हैं। अब उनकी आवाज किसने दबा दी, नियम कायदे क्यों भूल गए, क्या उन्होंने ही इस कब्जे के लिए अनुमति प्रदान कर रखी है। वैसे यह कोई नई बात नहीं है। नगर निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही और मिलीभगत का परिणाम है की नगर निगम अपनी संपत्तियों से हाथ धोती जा रही है।
इनका कहना है
इस संबंध में बातचीत करते हुए निगम आयुक्त नीलेश दुबे ने कहा कि मुझे निर्माण के संबंध में अभी तक जानकारी नहीं थी। आपके द्वारा जानकारी दी गई है तो तत्काल निर्माण कर्ता के खिलाफ एक्शन लेते हुए निर्माण को तुड़वाया जाएगा।