जिला ब्यरो चीफ सुन्दरलाल
जिला सोलन: पिछले कई वर्षों कसौली को फिल्मी सिटी के नाम से भी पुकारा जाने लगा है आये दिन किसी न किसी फिल्म या धारावाहिक कई यहाँ पर सीन फिलमाये जाते रहते है | प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर कसौली पर्यटन स्थल देश में अंग्रेजी शासनकाल से अपने आप से पुरे भारत में सैलानियों को बरबस ही अपने ओर आकृषित करता है|समुद्र तल से 6142 फिट कई ऊँचाई पर स्थित यह धरती पर स्वर्ग है हिमाचल प्रदेश के आंचल में बसी कसौली को प्रकृति ने खूबसूरत के कई रंग भरें हैं | यहाँ के ऊँचे -ऊँचे पहाड घने जंगल हरी-भरी शानदार व् सुंदरता से लबालब वादियाँ और छोटी -छोटी खूब सूरत घाटियाँ यहाँ के ऐतिहासिक भवनो की बनावट व प्राकृतिक सोंदर्य ही पर्यटकों को अपनी ओर आकृषित करते हैंसुंदर पहाडिय़ों की गोद में प्राकृतिक सुंदरता व प्रकृति के सुंदर अदभुत नजारों से परिपूर्ण यह पर्यटन स्थल सैलानियों का आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है वर्तमान में प्रदेश कई इन्ही खूबसूरत वादियों की और प्रतिवर्ष देश विदेश के लाखों पर्यटक खींचे चले आते हैं यहाँ के घने जंगल ,हरी भरी चरागाहों और शांत वादियों वाले इस स्थल में चह्लकदमी करते समय हर कोई अपने आपको प्रकृति के नजदीक महसूस करता है ऐसे में जानवरों की अठखेलियाँ और पक्षियों की चहचहांहट प्रकृति में नया संगीत भर देती है वहीं देश -विदेश के पर्यटन को अदभुतप्रतिवर्ष बड़ी सं या में सैलानी जीवन की आपा -धापी से दूर कुछ सुकून भरे पल बिताने के लिए यहाँ आते हैं चिल-चिलाती धुप हो या ठिठुरती ठंड कसौली पर्यटन नगरी एक ऐसी स्थली है जहां पर हर मौसम में पर्यटन का आनंद लिया जा सकता है यहाँ की आवश्यक सुविधाओं व अनुकूल जलवायु के परिणामस्वरूप आजकल यह प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय अपितु अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर उभरा है इसका श्रेय राज्य सरकार द्वारा पर्यटन गतिविधियों को व्यापक बडावा देने के लिए आरंभ किए गए उन बहुआयामी कार्यक्रमों को जाता है , जिससे यह छोटा सा पर्यटन स्थल सुंदर पहाड़ी प्रदेश पर्यटकों का स्वर्ग बना है प्रकृति ने इस पर्यटन नगरी की भरपूर प्राक्रतिक सोंदर्य से नवाजा है वहीं स्वच्छ एवं शांत वातावरण ,कल कल करते यहाँ के झरने तथा ऐतहासिक स्मारक इसकी विशेषताएं हैं कसौली में पर्यटकों की सं या तीव्रता से लगातार बढती जा रही है इस पर्यटन स्थल में लोगों का मु य व्यवसाय होटल इकाइयों से ही चलता है हालांकि राज्य सरकार ने इस अदभुत प्रदेश को हर मोसम में आकर्षक स्थली बनाने की दिशा में विभिन्न कार्यक्रम आर भ किए हैं पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण अछुते स्थलों को विकसित किया जा रहा है ताकि पर्यटक वास्तव में प्रकृति का आनंद उठा सके राज्य सरकार ने पर्यटन को उधोग घोषित किया है ओर इसे बढ़ावा देने के लिए समुचित सुविधाएं विकसित की जा रही हैप्रदेश में नई पर्यटन नीति लागू की गई है तथा निजी निवेश को व्यापक बढ़ावा दिया जा रहा है सरकार इसमें सुविधाकारक भूमिका निभा रही है नई पर्यटन नीति में अर्थप्रद सांस्कृतिक तथा पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ी सुझबुझ के साथ बढ़ावा देने की बात कह रही है ,ताकि नए रोजगार के अवसर सर्जित हो सकें पर्यटन को पहाड़ी राज्य की अर्थ व्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है ओर इसे भविष्य में भी विकास के एक प्रमुख साधन के रूप में देखा जा रहा है कसौकी पर्यटन स्थल समृद्ध संस्कृति से नवाजा गया है यहाँ के अनुपम प्राकृतिक सोंदर्य का भरपूर नजारा देखने को मिलता है यहाँ के निजी उधमियों की भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिए पर्यटन विभाग नए प्रदेश भर में विभिन्न स्थलों को पहचान के साथ कसौली पर्यटन नगरी से भी जोड़ रखा है जहां पर उन्हें पर्यटन गतिविधियों में शामिल किया जा सकताकसौली देश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थानों में गिना जाने लगा है शरद ऋतू में जब कसौली नगरी बर्फ से ढक जाती तो मानो यहाँ प्रकृति नए खूबसूरत सफेद चादर ओढ़ रखी हो जिसका पर्यटक यहाँ पंहुच कर भरपूर आनंद लेते हैं प्रति वर्ष यहाँ पर आने वाले पर्यटकों का मानना है की कसौली नगरी को ओर विकसित करने के साथ-साथ यहाँ के प्राकृतिक पर्यावरण को ओर ज्यादा सुंदर बनाया जाए तथा यहाँ की प्रकृति से किसी तरह से छेड-छाड नही की जाए कैसे पंहुचे कसौली —राष्ट्रीय मार्ग 22 प्रदेश के प्रवेश दवार परवाणु से वाया जन्गेशु कसौली सड़क से यहाँ थोड़े समय पर ही पंहुचा जा सकता है यही नही बल्कि राष्ट्रीय मार्ग 22 धर्मपुर से वाया गडखल कसौली आसानी से पंहुचा जा सकता है यहाँ पर विश्राम के लिए जहां प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग का रोज्कोमं होटल है वहीं लोक निर्माण व् वन विभाग के रेस्टहाउस भी उपलब्ध हो जाते ही जिन्हें सरकारी प्रक्रिया से बुकिंग किया जाता है इसके इलावा यहाँ निजी रिजार्ट व् बहुत से होटल भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं कसौली पर्यटन क्षेत्र में सैर स्फाटा करने पर यहाँ पर्यटकों की सुरक्षा के भी विशेष इंतजाम हैं यहाँ से शिमला ,चंडीगढ़,सोलन ,दिल्ली ,पंजाब ,के लिए सरकारी बसों के साथ निजी टेक्सियां भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है | परन्तु कसौली के आस पास के साथ लगती पंचायत क्षेत्रों में दिन प्रति दिन हो रहे बेहताशा भवनों के निर्माण कार्यों ने कसौली के आस पास कि प्राकृतिक हरयाली कि सुंदरता को ग्रहण सा लगा दिया है | यही नही बल्कि इन क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों में जो पेड़ों का कटान हुआ है उसके कारण यहाँ कि जलवायु में भी अब परिवर्तन देखने को मिल रहा है | इसी के कारण अब यहाँ पर पिछले कई वर्षों से बर्फबारी भी नही हो पा रही है | पहले सर्द ऋतू में बर्फबारी होने से कसौली पर्यटन नगरी ऐसी दिखती थी जैसे मानो कसौली की हरी भरी पहाड़ियों ने नई दुह्ल्न की तरह चादर ओड़ ली हो यहाँ के पर्यावरण प्रेमियों का कहना है की यदि इसी तरह घने जंगलों के क्षेत्रो से निर्माण कार्य होते रहे तो यहाँ की जलवायु के परिवर्तन के साथ पेयजल की भी समस्या भी आने वाले समय मे उत्पन्न हो जायेगी | इसलिए सरकार को चाहिए की कसौली व् उसके आस पास के क्षेत्रों में न तो सरकार धारा ११८ के तहत भूमि खरीद की कोई अनुमति प्रदान करें तथा यहाँ हो रहे बेहताशा निर्माण कार्यों पर शीघ्र प्रतिबंध लगाया जाए | ताकि यहाँ की प्राकृति की सुंदरता को बनाया रहा जा सके।