हमीरपुर जनपद भर में अवैध रूप से पटाखों का किया जा रहा भंडारण..अवैध पटाखों के भंडारण से कभी भी हो सकता है कोई बड़ा हादसा…सूत्र।
रिपोर्ट – जितेंद्र साहू
स्थान – हमीरपुर, उत्तर प्रदेश
हमीरपुर दशहरा व दीपावली पर्व नजदीक आते ही दुकानदारों ने पटाखो को जमा करना शुरू कर दिया हैं। दुकानदार सारे आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए रिहायशी इलाको में पटाखो का भंडार जमा कर रहे हैं। खासतौर पर इन पटाखों का भंडारण शहर कस्बे व ग्रामीण क्षेत्रो की सकरी गलियों के रास्ते वाले इलाकों में अवैध गोदामों में पटाखों का भंडारण शुरु हो गया है। जबकि रिहायशी इलाकों में पटाखो को स्टोर करने पर सरकार व जिला प्रशासन ने पूर्ण रूप से बैन लगा रख्खा है। यही नहीं, जिला प्रशासन भी हर वर्ष पटाखों के गोदाम आबादी से दूर बनाने की हिदायते जारी करता हैं। लेकिन हिदायतों व खतरों को नजरअंदाज कर कोई बड़ी घटना का इंतजार किया जाता है नवरात्र व दशहरे के मोके पर तमाम घटनाये सामने आती है की कही खाना बनाते समय सिलेंडर मे लगी आग तो कही अवैध पटाखों के भंडारण मे हुआ धमाका तब जा कर जिला प्रशाशन की आंखे खुलती है और छापा मार अभियान शुरू किया जाता है अगर बात की जाय हमीरपुर जनपद की तो हमीरपुर जनपद मे चार तहशील और सात ब्लाक व 14 थाने जहाँ दशहरे व दीपावली पर्व धूम धाम से आतिशबाजी के साथ मनाया जाता है तो वही आतिशबाजी ग्रामीण क्षेत्रो से क़स्बा व शहरी क्षेत्र के थाना क्षेत्रो की मार्केट पर चोरी से बिकती है लेकिन सवाल यही खड़ा होता है इतना बड़ा बारूद भंडारण होता कहाँ है और कैसे होता है ज़ब कोई घटना या दुर्घटना होती है तब जिला प्रशासन व थाना पुलिस नीद से जग जाती है सूत्र बताते है की सुमेरपुर हमीरपुर मोदहा कुरारा राठ मुस्कुरा सहित तमाम कस्बे मे अवैध रूप से पटाखों का भंडारण किया जा रहा है अगर बात की जाय अवैध रूप से भंडारण की तो ये पटाखा व्यवसाई आबादी व गलियों वाले इलाके में घरों में बनाए गए गोदामों में पटाखे का भंडारण कर रहे है। यहां लाखो रुपए के पटाखे जमा किए जा रहे हैं। इस कारण कभी भी कोई भयानक हादसा हो सकता है। पटाखा व्यापारियों ने अपने गोदाम शहर के विभिन्न मोहल्लों में इतनी तंग गलियों में बनाए हैं कि अगर वहां पर कोई हादसा होता है तो वहां फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का पहुंचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।जिले में सिर्फ पटाखा गोदाम हैं। यहां पटाखा बनाने वाली फैक्ट्रियां नहीं हैं। यहां कानपुर उन्नाव बरेली आदि जगहों से पटाखे आते हैं। यहां तक पटाखों को लाने में कई सौ किलोमीटर की दूरी तय होती है। गोदाम संचालक एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वहां से पटाखे ट्रांसपोर्ट एजेंसी के माध्यम से बुक कर दिए जाते हैं। और ट्रांसपोर्ट एजेंसी के माध्यम से ये बारूद दुकानों व गोदामों मे पहुंच जाता है हालांकि प्रशाशनिक अधिकारियो ने बताया है की जानकारी इकट्ठा कर जगहों को चिन्हित कर अवैध रूप से भंडारण पर छापा मार कार्यवाही की जाएगी.