
विभागीय जिम्मेदारों की आशा छोड़ अब भगवान के भरोसे जी रहे हैं बेजुबान जानवर।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड कमासिन अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय बेजुबान जानवरों के ऊपर भूख और प्यास का भारी संकट मडरा रहा है। भूख और प्यास से बेहाल जानवर दर-दर की ठोकरें खा रहा है ना तो खेतों में घास है ना ही पोखरों में पानी और ना ही वृक्षारोपण की छाया यहां तक की गौ संरक्षण केंद्रों में भी जगह नहीं है वह सब खाली पड़े हुए हैं गौशालाओं के केयरटेकरों से पूछे जाने पर जवाब मिलता है की विभागीय अधिकारियों से आदेश प्राप्त हुआ है कि जानवरों को गौशालाओं से बाहर निकाल दिया जाए ।गौ वंशों को खुले में छोड़ दिया गया अब वह भगवान भरोसे दर-बदर भूख और प्यास से भटक रहे हैं उन्हें ना तो कोई सामाजिक संगठनों से और ना ही विभागीय जिम्मेदारों से किसी तरह से कोई आश्रय नहीं मिल रहा अब सिर्फ एक सहारा भगवान का है और उसी के भरोसे भटक रहे हैं जहां एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है की कोई भी गौवंश की भूख प्यास से मृत्यु न होने पाए प्रदेश सरकार द्वारा सारी व्यवस्थाएं ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिवों एवं खंड विकास अधिकारी को दी गई है फिर भी विभाग द्वारा घोर लापरवाही व अनियमितताओं के चलते अन्ना जानवर गोवंश भूख और प्यास से दर-दर भटक रहा है।
बांदा से संवाददाता,
विनय सिंह की रिपोर्ट