देश की पहली ‘जल कथा’ बुंदेलखंड से, विज्ञान और अध्यात्म से होगा जल संरक्षण का शंखनाद
झांसी के एक स्थानीय होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में जल सहेली फाउंडेशन की शिवानी ने बुंदेलखंड में जल संकट पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र पानी के लिहाज़ से अत्यंत पिछड़ा है, जहाँ जागरूकता की कमी के कारण पानी की अत्यधिक बर्बादी हो रही है। इस गंभीर समस्या से निपटने और लोगों को जागरूक करने के लिए देश में पहली बार ‘जल कथा’ का आयोजन किया जा रहा है।
यह अनूठी कथा विज्ञान और जल संरक्षण के महत्व पर आधारित होगी। इसका आगाज़ 4 जून को ललितपुर के तालबेहट स्थित हजारिया महादेव मंदिर से होगा, जिसके बाद झांसी में भी इसका आयोजन किया जाएगा। शिवानी ने बताया कि इस कथा में वैज्ञानिक तरीकों से पानी की बर्बादी रोकने के लिए लोगों से आह्वान किया जाएगा, जो अपने आप में एक अभिनव पहल है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि हिंदू धर्म में भी जल के महत्व को सर्वोपरि माना गया है, और इसी आध्यात्मिक प्रेरणा के साथ वे जल बर्बादी रोकने के लिए यह आयोजन कर रहे हैं। झांसी में पत्रकार वार्ता का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इस महत्वपूर्ण पहल से जोड़ना है।
स्थान –झांसी
रिपोर्टर नाम – जितेंद्र कुमार सैनी