
बिना वर्दी के थाने के अंदर रुपए लेते वीडियो वायरल, एसपी ने लिया संज्ञान
गुना अगर आपके साथ मारपीट हो गई, आपके परिजन घायल है उनके इलाज के लिए आपको पैसा खर्च तो करना ही पड़ेगा। इसके अलावा थाने जाकर रिपोर्ट लिखवाते हैं तो वहां भी आपको खर्चा पानी देना पड़ेगा। ऐसे ही मामले का वीडियो 14 जून की रात 8:00 के लगभग सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें गुना जिले के आरोन थाना मैं प्रधान आरक्षक लेखक कक्ष में बैठे बिना वर्दी के एक शख्स ने मारपीट में कूट-पीटकर आए आए लोगों को रिपोर्ट लिखवाने के लिए भी रुपए देने पड़े। दरअसल आरोन थाना के तमेडी गांव में 12 जून को जमीनी विवाद में दो पक्षों में मारपीट हुई एक पक्ष के फरियादी गंगाराम बंजारा और उसके परिजन आरोन थाने में रिपोर्ट दर्ज करने पहुंचे। जहां पर प्रधान आरक्षक लेखक कक्ष में बिना वर्दी के पीली शर्ट पहने बैठे पुलिस कर्मी ने रिसपत के तौर पर फरियादी से पैसे लेकर रिपोर्ट लिखने का सौदा तय किया। उसके बाद शिकायतकर्ता जो काली बनियान पहना है वह अपनी जेब से रुपए निकलता है पीली शर्ट वाले पुलिसकर्मी को देता है। तब जाकर उसकी रिपोर्ट की सुनवाई होती है। रुपए देते ही पीछे से एक शख्स की आवाज आती है अब सील लगवा लो। इसी मारपीट के मामले को लेकर फरियादी गंगाराम बंजारा और उसके परिजन 14 जून दोपहर को एसपी कार्यालय शिकायत करने पहुंचे। जहां गुना एसपी अंकित सोनी से जमीनी विवाद में हुई मारपीट की शिकायत की दोषी लोगों पर कार्यवाही की मांग की। इसी दौरान आरोन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने मांगी गई राशि और दी गई राशि की भी रिश्वत की। एसपी अंकित सोनी ने कहा, वीडियो मुझे दीजिए इसकी जांच करवा लेते हैं और जांच में जो सामने आएगा कार्रवाई करेंगे। वही मारपीट के मामले में फरियादी पक्ष ने आरोन थाना पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट एसपी को दिखाई, जिसमें कुछ कमियां फरियादी पक्ष द्वारा बताई गई। एसपी अंकित सोनी ने पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। फरियादी से आरोन थाने में रुपए लेते बिना वर्दी के पुलिस कर्मी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे मामलों से कहीं ना कहीं पुलिस और जनता के बीच की दूरी बढ़ती है वहीं पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में आती है। गुना एसपी पुलिस और जनता की बीच की दूरी को कम करने जनसंवाद जैसे अभियानों को बढ़ावा दे रहे हैं जहां पर पुलिस कर्मी खुद गांव जाकर लोगों के बीच बैठकर समस्या सुन रहे हैं समाधान कर रहे हैं और लोगों को पुलिस की कार्यशैली से अवगत कराकर पुलिस और जनता की दूरी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में रिश्वत जैसे मामले सामने आने पर जनता के बीच किए गए सकारात्मक प्रयास धूमिल होते हैं तो वही छवि भी दाग दार होती है।
जिला गुना से गोलू सेन की रिपोर्ट