ब्यूरो चीफ सुंदरलाल जिला सोलन,
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा जारी लैक्चरर प्रमोशन के पैनल को टीजीटी शिक्षकों के साथ भद्दा मजाक करार देते हुए कहा कि अढ़ाई सालों तक लटकी प्रमोशन को सिर्फ छह सौ के आंकड़े पर समेट देना अन्यायपूर्ण और शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। संगठन का कहना है कि लंबे अरसे से प्रमोशन की राह देख रहे शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग इस तरह का उपहास न करे कि पात्र शिक्षकों का सारी व्यवस्था पर से मोह ही भंग हो जाए।
संगठन के राज्य अध्यक्ष नरोत्तम वर्मा, राज्य महासचिव संजीव ठाकुर ,वित सचिव सतीश पुंडीर और समस्त जिलों के अध्यक्षों एवं महासचिवों ने कहा कि प्रमोशन किसी भी कर्मचारी के लिए तय सेवा अवधि में मिलना आवश्यक है ताकि उसका गुणवत्ता पूर्वक सदुपयोग हो सके। उन्होंने बताया कि पिछले अढ़ाई सालों से टीजीटी शिक्षक बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो रहे हैं।
स्कूलों में इस समय चार हजार के करीब लैक्चरर के पद रिक्त पड़े हुए हैं। हर साल करीब हजार से बारह सौ के करीब लैक्चरर पदोन्नतियां होती रही हैं। लेकिन पिछले करीब अढ़ाई सालों से शिक्षा विभाग ने इन पदों पर कोई भी पदोन्नति नहीं की है। उधर मौजूदा समय में स्कूलों में सभी सब्जैक्ट के लैक्चरर के करीब चार हजार पद खाली पड़े हुए हैं। पिछले तीन सालों में रिटायरमेंट से इन रिक्तियों की संख्या और बढ़ गई है।
ऐसे हालात में विभाग को कम से कम दो हजार पदों को तुरंत प्रमोशन से भरना चाहिए था, ताकि स्कूलों में जमा एक और दो के बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल पाती।
लेकिन हुआ उसके एकदम उल्ट है।
विभाग ने प्रमोशन के लिए 662 टीजीटी शिक्षकों का पैनल जारी करके इस पदोन्नति को हास्यास्पद बना डाला है। चार हजार रिक्त पद और अढ़ाई साल से रुकी प्रमोशन जिसका न्यूनतम प्रमोशन पैनल दो हजार से कम नहीं होना चाहिए था। उसे 662 पर समेटना शिक्षकों के साथ पूरी तरह से भद्दा मजाक है और विभाग को इस पर समय रहते गौर करना होगा।
इसके अलावा यूनियन ने हाई स्कूलों में हैडमास्टर के करीब पांच सौ रिक्त पदों पर प्रमोशन भी मांगी है। उन्होंने बताया कि हेडमास्टर के लिए भी विभाग ने मात्र दो सौ बीस शिक्षकों का पैनल जारी करके इस प्रमोशन को भी मजाक का पात्र बना डाला है। उन्होंने कहा कि हैड मास्टर के पांच सौ पदों का पैनल जारी किया जाए ताकि हाई स्कूलों को बिना मुखिया के न रहना पड़े।
शिक्षकों की यूनियन ने कहा कि शिक्षा विभाग की इस हरकत के बारे वो इस सारे मसले को शिक्षा मंत्री से उठाएंगे और शिक्षकों के हितों पर आंच नहीं आने दी जायेगी।
उन्होंने दोहराया कि अढ़ाई तीन सालों बाद होने जा रही लैक्चरर की इस प्रमोशन का पैनल दो हजार होना जरूरी है ताकि सभी पात्र शिक्षकों को उनका जायज हक मिल सके और स्कूलों में रिक्त पड़े चार हजार लैक्चरर पदों पर कम से कम इतनी तैनाती तो हो जिससे जमा एक और दो के बच्चों की पढ़ाई सुचारू तरीके से आगे बढ़ सके।
उन्होंने बताया कि हैड मास्टरों के पदों पर भी कम से कम पांच सौ का पैनल जारी करके डीपीसी की जाए ताकि हाई स्कूल बिना प्रशासनिक प्रमुख के न रहें।