जिला प्रशासन ने पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य किया शुरू
18,650 लोग प्रभावित, 28 राहत केंद्र बने, डीएम एवं एसपी लगातार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का कर रहे है स्थलीय निरीक्षण । यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से जनपद की तीनों तहसीलों कालपी, जालौन और माधौगढ़ में बाढ़ का असर बढ़ गया है। कई गांवों में पानी भरने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। जिला प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। शुक्रवार को विधायक माधौगढ़ मूलचंद्र निरंजन, विधायक कालपी विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय और पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। माधौगढ़ में विधायक मूलचंद्र निरंजन और एडीएम संजय कुमार ने प्रभावित गांवों का दौरा कर राहत सामग्री वितरित की। अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल जनहानि या पशुहानि की कोई सूचना नहीं है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। दोपहर 4 बजे कालपी केंद्र पर यमुना का जलस्तर 111.95 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 108 मीटर से 3.95 मीटर अधिक है। जनपद में चेतावनी बिंदु 107 मीटर निर्धारित है। कालपी तहसील के पड़री, रायड़ दिवारा, गूढ़ा खास, उरकराकला, सिमरा शेखपुर, मंगरौल, एकौना और गुलौली समेत 8 गांव, माधौगढ़ के 11 और जालौन तहसील के 6 गांव गंभीर रूप से प्रभावित हैं। कुल 18,650 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने अब तक 28 राहत केंद्र स्थापित किए हैं, जहां भोजन, स्वास्थ्य, पेयजल, पशु चारा और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। प्रभावित क्षेत्रों में 62 छोटी नावें, 27 बड़ी नावें और 31 मोटरबोट लगाई गई हैं। एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर तैनात है। कालपी के 14, माधौगढ़ के 19 और जालौन के 13 गांवों की कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आई है। जिला प्रशासन ने बताया कि अब तक 1,095 राहत किट बांटी जा चुकी हैं। नदी किनारे बसे संवेदनशील गांवों में बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं।उपजिलाधिकारी, राजस्व कर्मी, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायत राज व पुलिस विभाग की टीमें लगातार डटी हुई हैं।जिलाधिकारी ने सभी विभागों को प्राथमिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और ग्रामीणों की आवश्यकताओं की पूर्ति के निर्देश दिए हैं।जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने जनपदवासियों से अपील भी की है कि लोग सतर्क रहें और सुरक्षित रहें इस समय नदियों में तेज प्रवाह है, ऐसे स्थानों पर जाने से बचें बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सभी टीमें काम कर रही है।
(अनिल कुमार ओझा ब्यूरो प्रमुख
उरई-जालौन) उत्तर प्रदेश