नरेश सोनी इंडियन टीवी न्यूज ब्यूरो हजारीबाग
हजारीबाग। जिला उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय, जिला स्कूल, हजारीबाग में एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिले के उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और प्रभारी प्राचार्य शामिल हुए। इस अवसर पर झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट द्वारा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षाओं के पाठ्यक्रम कवरेज पर एक प्रस्तुति भी दी गई।
इस कार्यक्रम में सीबीएसई और जैक बोर्ड की परीक्षाओं में जिले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल नौ छात्र-छात्राओं को उपायुक्त द्वारा सम्मानित किया गया। इन विद्यार्थियों को 2 लाख और 1 लाख रुपये के चेक के साथ-साथ लैपटॉप, मोबाइल, बैग और प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। जो विद्यार्थी समारोह में उपस्थित नहीं हो सके, उनके अभिभावकों ने यह सम्मान प्राप्त किया।
सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राएं
जैक बोर्ड:
इंदिरा गांधी बालिका उच्च विद्यालय, हजारीबाग (कक्षा 10वीं): रितु कुमारी, अमृता गुप्ता, पूजा कुमारी, शिवानी कुमारी
आर.एन. प्लस टू हाई स्कूल, पदमा (कक्षा 12वीं कला संकाय): प्रेरणा कुमारी
प्लस टू हाई स्कूल, बड़कागांव (कक्षा 12वीं): किशोर कुमार
विष्णुगढ़ इंटर कॉलेज (कक्षा 12वीं विज्ञान संकाय): हिमांशु कुमार
सीबीएसई बोर्ड:
संत जेवियर स्कूल, हजारीबाग (कक्षा 10वीं): दिव्य प्रकाश
डीएवी पब्लिक स्कूल, एनटीएस बरकाकाना (कक्षा 12वीं): तान्या महतो
शिक्षा में सुधार के लिए दिए गए निर्देश
उपायुक्त श्री सिंह ने प्रधानाध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वयं को केवल सरकारी शिक्षक न समझें, बल्कि विद्यालय के प्रशासकीय अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
इस दौरान उन्होंने कई अहम सुझाव और निर्देश भी दिए:
विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
प्रोजेक्ट रेल से ज़्यादा से ज़्यादा छात्रों को जोड़ा जाए।
शिक्षकों को रोज़ाना कक्षाएं ख़त्म होने के बाद कम से कम एक घंटे की अतिरिक्त बैठक करनी होगी, ताकि छात्रों की प्रगति का आकलन किया जा सके।
छात्रों का पाठ्यक्रम नवंबर तक पूरा कर लिया जाए और दिसंबर-जनवरी में पूर्वाभ्यास (रिवीजन) पर विशेष ध्यान दिया जाए।
पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक कार्ययोजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से पढ़ाई कराई जाए।
सुबह की प्रार्थना सभा में छात्रों को समसामयिक घटनाओं की जानकारी दी जाए, ताकि उनमें प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति जागरूकता बढ़े।
विद्यार्थियों को पिछले पाँच वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास कराया जाए।
उपायुक्त ने अंत में कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है और यह केवल नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक अहम हिस्सा है।