रीवा जिले के आदर्श प्रेरक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ललित कुमार तिवारी न बताया कि प्रदेश में 2012 में प्रौढ़ शिक्षा मिशन अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में दो प्रेरक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी तब से लेकर 12018 तक सभी प्रेरक शिक्षकों ने प्रौढ़ शिक्षा मिशन को सफल बनाने में अपना सराहनीय योगदान दिया एवं उसके साथ ही शासन की अन्य योजनाओं जैसे जनगणना चुनाव आदि कार्यक्रमों में अपनी सेवा दी लेकिन 2018 में बिना किसी अग्रिम सूचना के प्रौढ़ शिक्षा योजना के समाप्त होने के साथ ही प्रेरकों को भी सेवा से बाहर कर दिया गया जिससे प्रदेश की हजारों प्रेरक शिक्षक एक बार फिर बेरोजगारी की कगार पर आ गए जिसके कारण 2018 से अब तक प्रेरकों ने कई बार शासन और प्रशासन के समक्ष अपनी सेवा बहाली हेतु ज्ञापन एवम धरना देकर अपनी समस्यों से अवगत कराने का प्रयास किया इसके बाद भी अभी तक शासन के द्वारा प्रेरकों के हित में किसी प्रकार का कोई अस्वासन नही मिला जिससे आहत हो कर प्रदेश के समस्त प्रेरक शिक्षक जबलपुर उच्च न्यायालय में अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए याचिका लगाने की तैयारी में है जिसमे प्रेरकों की मुख्य माँग प्रदेश में लागू हो रही नाइ ई अटल सेवा केन्द्र योजना में निश्चित मानदेय के साथ प्रेरकों को योग्यता के आधार पर प्रथमिकता के साथ नियुक्ति देने की मांग की है जिसमे प्रदेश के लगभग सभी जिलों के प्रेरको ने उच्च न्यायालय में एक साथ याचिका दायर की है एवं अधिवक्ता शिवम मिश्रा को अपना अधिवक्ता नियुक्त किया है रीवा से सम्भागीय बीयूरो विनोद पाठक की खास रिपोर्ट