*प्रभारी तहसीलदार के कार्यशैली पर लगा प्रश्न चिन्ह करोड़ों की राजस्व भूमि पर हो गया अवैध कब्जा तहसीलदार बने मूकदर्शक*
* वैसे तो तहसील जयसिंहनगर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है लेकिन मामला राजस्व के करोड़ों की भूमि का है जहा पर इन कुछ वर्षो से पाण्डेय शिक्षा समिति ने समाज सेवा का चोला ओढ़कर प्रभारी तहसीलदार के मौन स्वीकृत से राजस्व भूमि पर कब्जा कर लिया जब ग्रामीणों को पांडेय शिक्षा समिति के मंसूबों की भनक लगी तो ग्राम चंदेला के समाज सेवी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने न्यायालय तहसीलदार जयसिंहनगर में शिकायत दर्ज करा कर जांच कराने की अपील की प्रभारी तहसीलदार ने हलका पटवारी के माध्यम से उक्त शिकायत की जांच कराकर पाण्डेय शिक्षा समिति को 8000 रुपए के अर्थ दंड से अधिरोपित कर 7 दिवस के अंदर उक्त राजस्व भूमि को खाली करने का निर्णय पारित करते हुए स्थगन आदेश पारित कर दिया लेकिन पाण्डेय शिक्षा समिति पर तहसीलदार जयसिंहनगर के आदेश का कोई प्रभाव नहीं पड़ा एवम बेरोक टोक निर्माण कार्य जारी रखा ग्रामीणों ने पाण्डेय शिक्षा समिति के कर्ता धर्ताओ को तहसीलदार के आदेश का हवाला देते हुए कार्य रोकने का अनुरोध किया लेकिन पाण्डेय शिक्षा समिति ने ग्रामीणों की बात को अनसुना करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा अंततः ग्रामीणों ने पूरे मामले को मीडिया के सामने आकर बताई तब मीडिया ने उक्त जानकारी को प्रभारी तहसीलदार
जयसिंहनगर को अवगत करा कर जानकारी चाही लेकिन प्रभारी तहसीलदार ने दिखवाता हु कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया लेकिन उक्त राजस्व भूमि पर जिस तरह से अतिक्रमण किया गया है उक्त मामले में प्रभारी तहसीलदार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है पूरे घटना क्रम से वाकिफ होने के बावजूद भी प्रभारी तहसीलदार अनजान बनने की ढोंग रचने की नाकामयाब कोशिश कर रहे अगर ऐसा ही प्रभारी तहसीलदार का रवैया रहा तो निश्चित ही तहसील अंतर्गत समस्त राजस्व भूमि पर भूमाफिया अवैध कब्जा करने में सफल हो जायेगे