राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पुरस्कार जीत चुकी फ़िल्म ‘मास्साब’ देशभर के तमाम सिनेमाघरों में जमाई है अपनी धाक
देश-विदेश के फ़िल्म महोत्सवों में ‘मास्साब ‘ ने ढेरों पुरस्कारों के साथ साथ जीता लोगों का दिल
देश विदेश के कई फ़िल्म महोत्सवों में ढेरों पुरस्कारों के साथ साथ लोगों का दिल जीतनेवाली फ़िल्म ‘मास्साब ‘ 29 जनवरी, 2021 में देशभर में भी रिलीज़ हुई।
उल्लेखनीय है कि एक एक्टर और एक निर्देशक के तौर पर ढेरों अवॉर्ड जीत चुके आदित्य ओम ने फ़िल्म ‘मास्साब ‘ का निर्देशन किया है।
‘मास्साब ‘ने अमेरिका में औरलैंडो के फ्लोरिडा में आयोजित कॉस्मिक फ़िल्म फेस्टिवल में बेस्ट ड्रामा फ़िल्म का खिताब जीता था वहीं इस फ़िल्म को राजस्थान इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में बेस्ट फ़िल्म (क्रिटिक च्वाइस), बेस्टर एक्टर (शिवा सूर्यवंशी), स्पेशल एप्रिसिएशन अवॉर्ड (आदित्य ओम) से भी सम्मानित किया गया था, इनके अलावा रांची में आयोजित झारखंड अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह में इसे बेस्ट इंस्पीरेशनल फ़िल्म के ख़िताब से भी नवाज़ा गया।
इसे नाशिक में आयोजित दादा साहेब फ़ाल्के नाशिक इंटरनेशनल फ़िल्म महोत्सव में बेस्ट फ़िल्म का पुरस्कार प्राप्त हुआ , जबकि अहमदाबाद इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार भी मिला।
फ़िल्म ने जमशे्दपुर में JNFF में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ एक्टर (शिवा सूर्यवंशी) और बेस्ट मेक-अप का ख़िताब प्राप्त किया,
इंदौर में आयोजित इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ एमपी में फ़िल्म को बेस्ट चिल्ड्रेन फ़िल्म, बेस्ट एक्टर (शिवा सूर्यावंशी) और मोस्ट प्रॊमिसिंग यंग डायरेक्टर (आदित्य ओम) जैसे पुरस्कार मिले।
मुम्बई में आयोजित कला समृद्धि इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में फ़िल्म को बेस्ट डायरेक्टर (आदित्य ओम), बेस्ट स्टोरी (शिवा सूर्यवंशी) जैसे ख़िताब हासिल हुए थे. इस फ़िल्म का आधिकारिक रूप से कोलकाता इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल, जागरण फ़िल्म फ़ेस्टिवल, कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फ़िल्म फ़ेस्टिवल, थर्ड आई एशियन फ़िल्म फ़ेस्टिवल, सिंधुदुर्ग इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल, हेबिटाट फ़िल्म फ़ेस्टिवल और गुवाहाटी फ़िल्म फ़ेस्टिवल के लिए भी चयन हो चुका है।
पुरुषोत्तम स्टूडियोज़ के बैनर तले बनी मास्साब फ़िल्म का आदित्य ओम ने न सिर्फ़ निर्देशन किया है, बल्कि उन्होंने इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले और संवाद भी लिखे हैं जबकि इस फ़िल्म की कहानी, अतिरिक्त स्क्रीनप्ले व संवाद शिवा सूर्यवंशी ने लिखे हैं।
इस फ़िल्म से अपने कैरियर की शुरुआत करने जा रहे शिवा सूर्यवंशी ‘मास्साब ‘ में मुख्य नायक के तौर पर नज़र आये।
बाँदा जिले के मूल निवासी शिवा सूर्यवंशी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान ही ऐसी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं तथा उसी क्षेत्र में ही अपना भाग्य आजमाने का सफल प्रयास रहा फ़िल्म मास्साब,
गौरतलब है कि ‘मास्साब ‘ की अनूठी कहानी भारत के ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक शिक्षा की पृष्ठभूमि को आधार बनाकर गढ़ी गयी है।
फ़िल्म के नायक आशीष कुमार(शिवा सूर्यवंशी) को बच्चों को पढ़ाने-लिखाने का जुनून है।
अपने इस सपने को पूरा करने की ख़ातिर वो अपनी आईएएस की सरकारी नौकरी को भी त्याग देते हैं. उसे एक बेहद पिछड़े हुए ग्रामीण इलाके में पढ़ाने का मौका मिलता है जहां उसका सामना दकियानूसी रिवाज़ों व अंधविश्वासों को मामनेवालों, उपेक्षा और करप्शन का शिकार लोगों से होता है. बाद में अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से वो गांव के प्राथमिक स्कूल का हालत इस क़दर बदल देते हैं कि बाद में वो स्कूल श्रे़ष्ठ निजी स्कूलों को टक्कर देने में सक्षम हो जाता है. मगर गांव में उसके सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयासों से नाराज़ लोग उसके ख़िलाफ़ एक बड़ा षडयंत्र रचते हैं. ऐसे में आशीष कुमार इस इन नयी चुनौतियों का कैसे करता है और कैसे इन विषम हालात में भी स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य जारी रखता है, इसका खुलासा रोमांचक अंदाज़ में फ़िल्माये गये क्लाइमेक्स के दौरान होता है.
आदित्य ओम ने ‘मास्साब’ के बारे में बात करते हुए कहा, “यह सत्य घटनाओं पर आधारित है. हमने इस फ़िल्म को एक सिनेमाई अंदाज़ में कुछ इस तरह से शूट किया है कि आपको यह फ़िल्म सत्यता और प्रामाणिकता का आभास कराएगी।
बाइट- शिवा सूर्यवंशी(मुख्य किरदार
रिपोर्ट-आशुतोष ओझा
