*डिंडौरी के गांव दुनिया बघाड़ का मामला:जिस गांव में पैदल पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री, उस गांव की सड़क बनने को लेकर अब भी संशय*
डिंडौरी जिले का सीमावर्ती गांव दुनिया बघाड़ गांव भले ही सांसद आदर्श ग्राम में शामिल हो गया है लेकिन गांव के लोग क्या सड़क मार्ग से जुड़ पाएंगे, अभी शंशय बरकार है। अभी 7 मार्च को ही केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति प्रकाश धुर्वे, कलेक्टर रत्नाकर झा, पुलिस अधीक्षक संजय सिंह सहित आला अधिकारी गांव पहुंचे थे और ग्रामीणों के साथ बैठक कर ग्राम विकास की चर्चा भी की थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री से 44 लाख रुपए में सड़क निर्माण कार्य के लिए भूमिपूजन भी करा लिया गया। गांव पहुंचने के लिए केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह सिंह कुलस्ते को लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था।
दुनिया बघाड़ की भौगोलिक स्थिति अलग
डिंडौरी जिले से लगभग 50 किलोमीटर दूर सीमावर्ती गांव दुनिया बघाड़ की भौगोलिक स्थिति ही काफी अलग है लगभग सात सौ की आबादी वाला यह गांव उमरिया जिले की सीमा से लगा हुआ है एक तरफ जोहला नदी तीन तरफ पहाड़ियों और जंगल से घिरा हुआ है। दुनिया और बघाड़ दो अलग-अलग मोहल्ले है। बघाड़ रामगुड़ा ग्राम पंचायत और दुनिया रानी बुढार ग्राम पंचायत में आता है। स्वास्थ्य सुविधाओं और बाजार के लिए ग्रामीण जोहला नदी पार कर उमरिया जिले पाली शहर में निर्भर रहते है। ग्रामीणों व बच्चों को उच्च शिक्षा एवं राशन लेने लगभग 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके राशन लेने जाना पड़ता है।
सात साल से आरईएस विभाग बना रहा सड़क अभी भी अधूरी दुनिया बघाड़ गांव में वर्ष 2015 से सड़क निर्माण का काम आरईएस विभाग कर रहा है जो आज भी अधूरा पड़ा हुआ है जानकारी के अनुसार वर्ष 2009-10 में तत्कालीन कलेक्टर बी चन्द्रशेखर बोरकर रामगुडा गांव से पैदल आठ किलोमीटर गांव में पहुंचे थे, ग्रामीणों की समस्या देखकर गांव को सड़क से जोड़ने की पहल कर आरईएस विभाग को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे, इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर छवि भारद्वाज 2014 में पहाड़ी पगडंडियों में पैदल चलकर गांव पहुंची थी, कार्ययोजना बनाई गई और जनवरी 2015 में दुनिया बघाड़ गांव को जोड़ने के लिए रामगुड़ा गांव से लगभग 6 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था लेकिन आज तक सड़क निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है।
44 लाख रुपए की राशि पुरानी, उससे 300 मीटर सड़क ही बन पाएगी आईएस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग की जमीन में सड़क निर्माण के लिए 61.92 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी जिसमें 36.69 लाख रुपए खर्च हो सके है और वन क्षेत्र में 148.52 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। जिसमें 117.37 लाख रुपए खर्च किया गया है। इंजीनियर डीएस बघेल का कहना है कि 7 मार्च को केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते द्वारा जो सड़क निर्माण के लिए भूमिपूजन 44 लाख रुपए का किया गया है। वह पुरानी राशि है और उसमें मात्र 300 मीटर ही सड़क बन पाएगी, जबकि एक किलोमीटर घाट है। जहां निर्माण करना अति आवश्यक और उसके लिए कम से कम डेढ़ करोड़ रुपए की राशि की आवश्यकता है। अब कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा निर्देश दिए गए है तो 300 मीटर ही सड़क बनाने का काम शुरू किया जाएगा।
प्रथम चरण में प्रधानमंत्री सड़क योजना में ही देनी थी सड़क
दुनिया बघाड़ की सड़क निर्माण को लेकर 7 मार्च को सांसद आदर्श ग्राम में बैठक कर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने प्रधानमंत्री सड़क योजना के जनरल मैनेजर रत्नाकर चतुर्वेदी को निर्देशित किया था कि डीपीआर तैयार करे। इस मामले में जनरल मैनेजर का कहना है कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में दुनिया बघाड़ की सड़क को प्रथम चरण में शामिल करा लेना था, द्वितीय व तृतीय चरण में केवल सड़कों के रखरखाव का ही प्रावधान है। जब तक भोपाल कार्यालय से कोई निर्देश नहीं आते तो हम कैसे डीपीआर बना सकते है। वैसे भी अब स्टेट फंड से सड़क निर्माण हो पाएगा। दुनिया बघाड़ सड़क मामले में कलेक्टर रत्नाकर झा का कहना है कि जितना पैसा है उतने में ही आरईएस विभाग को सड़क निर्माण करना है केवल उस घाट में जहां ज्यादा क्षति ग्रस्त है उसे ही बनाने के लिए कहा है।
इंडियन टीवी न्यूज़ संवाददाता मो0 सफर डिंडोरी मध्य प्रदेश