जिले के अधिकतर सफाई कर्मी जिला कार्यालय में अटैच गांव में गंदगी का अंबार गर्मियों में संक्रामक बीमारियां फैलने का लोगों में भय
सिकारिया गांव की सफाई कर्मी नहीं रहती गांव में सफाई कर्मी के पिता कभी-कभार झाड़ू इधर उधर ही मार देते हैं
जिले के सभी ब्लॉकों के अधिकतर सफाई कर्मी अपना अपना जुगाड़ लगाकर जिला कार्यालयों में शिफ्ट हो जाते हैं और अधिकारियों की आवभगत करके अपना भुगतान ले रहे हैं जिस वजह से गांव में साफ सफाई का अभाव और शिकायतें हमेशा बनी रहती हैं पहाड़ी ब्लाक के अधिकतर गांव में गंदगी का अंबार देखने को मिल रहा है और गांव की जनता चिल्ला चिल्ला कर ब्लॉक एवं समाचार के माध्यम से गुहार लगा रही है लेकिन जिले के आला अधिकारियों के ऊपर जनता के चिल्लाने का कोई असर होते दिखाई दे रहा है पहाड़ी ब्लाक में 81 ग्राम पंचायतें हैं और सभी गांव में केंद्र और राज्य सरकार का स्वच्छता अभियान ना के बराबर देखने को मिल रहा है गांव की जमीनी सच्चाई क्या होती है और गांव की जनता किस तरह जीवन व्यतीत करती हैं और शासन-प्रशासन और कोई जनप्रतिनिधि गांव की ओर ध्यान नहीं देता ऐसी हालत में गांव की जनता का क्या हाल होता है इसका सही जवाब गांव का ही व्यक्ति दे सकता है सरकार के द्वारा गांव को दी गई सुविधाओं का लाभ गांव के लोगों को नहीं मिल पाता है और इसका जीता जागता उदाहरण नांदी और तौरा की ग्राम पंचायतें हैं तोरा ग्राम पंचायत मजेरा सिकरिया गांव में लगभग 200 घरों की बस्ती है जहां गांव की ही सुमित्रा देवी सफाई कर्मी के पद पर नियुक्त है लेकिन वह मुख्यालय में अपना निवास बनाकर रह रही है गांव वालों का कहना है कि वह कभी भी गांव की सफाई नहीं करते और यहां कभी कभार ही गांव आती है उसके पिता राम सिया जिनकी उम्र लगभग 65 वर्ष के ऊपर है और कार्य करने के लिए भी सक्षम नहीं है वही गांव में कभी कभार गांव की इधर-उधर गलियों में झाड़ू मात्र लगा देते हैं यहां की साफ सफाई के बारे में कई बार ब्लॉक में शिकायत भी की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ गांव की जनता का कहना है की डीपीआरओ संजय पांडे भी गांव की साफ सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं गांव निवासी किशन का कहना है कि हमारे गांव में चारों तरफ इतनी गंदगी फैली हुई है जिसका जितना भी बयान किया जाए कम है क्योंकि गांव की लड़की है इस कारण गांव के लोग सामने ज्यादा कुछ नहीं बोलते लेकिन परेशानी सभी सभी लोगों को है और अगर कोई शिकायत भी करता है तो कोई सुनाई नहीं होती तो अब हम लोग करें तो करें क्या
गांव निवासी अवध बिहारी का कहना है कि अगर गांव की साफ-सफाई समय रहते नहीं हुई तो गांव में कई संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं और शासन-प्रशासन केवल स्वच्छता अभियान की बड़ी-बड़ी बातें कर करता है जमीनी सच्चाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता
गांव निवासी राजा फौजी का कहना है किस समय समय पर अपने सामने का कचरा मैं साफ करता रहता हूं क्योंकि यह हमारी मजबूरी है और मेरा घर भी सफाई कर्मी के सामने ही है और राम सिया देखता भी है लेकिन सरकार द्वारा चयनित व्यक्ति को गांव की सफाई करनी चाहिए क्योंकि गांव में बहुत ज्यादा गंदगी चारों तरफ फैल गई है यहां तक कि नालियों का पानी रोडू से बह रहा है जिसमें पीने के पानी को लेकर आने जाने में काफी दिक्कतें होती हैं और गर्मी के दिन आ गए हैं जिससे गंदगी के कारण मच्छर और कई प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं ऐसे समय में गांव की साफ सफाई पर शासन प्रशासन का विशेष ध्यान होना चाहिए
वही राम सिया का कहना है कि मेरी बच्ची करबी में रहती है और मैं गांव की साफ सफाई करता हूं और गांव के लोग मेरी शिकायत करते हैं तो करें मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता
यही हाल नांदी का भी है नांदी ग्राम पंचायत में दो सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई है जिसमें एक सफाई कर्मी छेदीलाल गांव में काम करता है और दूसरा सफाई कर्मी विनोद पटेल है जो विकास भवन में अटैच है गांव के लोगों का कहना है कि विनोद पटेल आज तक कभी गांव नहीं आया इस संदर्भ में विनोद पटेल से बात की गई थी तो उसने बताया कि मैं विकास भवन में अटैच हूं तथा मैं नांदी गांव आज तक नहीं गया हूं तथा यहां मैं घर ही नहीं हूं पहाड़ी ब्लाक के लगभग 30 35 सफाई कर्मी जिला कार्यालय में अटैच है तथा जिले के सभी ब्लॉकों के आधे से ज्यादा सफाई कर्मी जिला कार्यालय में ही काम करते हैं
नाली सफाई कर्मी छेदीलाल का कहना है की हमारा गांव इतना बड़ा है की गांव की सफाई करने के लिए समय नहीं बचता क्योंकि मेरे अकेले के लिए 3 किलोमीटर के अंतराल में तीन स्कूल और प्रसिद्ध हनुमान मंदिर तथा गौशाला इन्हीं की साफ सफाई करते दिन व्यतीत हो जाता है जिससे गांव की सफाई नहीं हो पाती है और लोग बाग शिकायत करते रहते हैं तो आप लोग ही बता दीजिए कि मैं अकेले क्या करूं आप लोग जैसा कहें वैसा करें इतने ही कार्य में मैं अपने दो बच्चों को लगाए रहता हूं तब कहीं स्कूल मंदिर और गौशाला की साफ सफाई हो पाती है
इस संदर्भ में जब सचिव कमलेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि छेदी कार्य तो करता ही है और दूसरे सफाई कर्मी को विकास भवन में रखे हैं तो इतने बड़े गांव में साफ सफाई का आभाव तो रहेगा ही फिर भी किसी प्रकार समय निकालकर गांव की सफाई करना तो आवश्यक है
डीपीआरओ संजय पांडे का कहना है ठीक है आपने हमें समस्या से अवगत करा दिया है हम आगे की कार्यवाही करेंगे