संवाददाता डॉक्टर वसीम
नारो से गूंज उठा थाना परिसर, समाजजन बोले प्राणो से प्यारा श्री सम्मेद षिखरजी हमारा
सिरोंज। जैन समाज ने सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध करते हुए जैन समाज के लोग सड़कों पर उतर आए जैन समाज के लोगों ने रविवार को अपने अपने प्रतिष्ठान बंद कर नगर के कठाली बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर से एक विषाल मौन रैली निकाली गई। रैली में महिला और पुरूष वर्ग पंक्ति वद चल रहें थें। वही पुरूष वर्ग सफेद ड्रेस और महिला वर्ग केसरिया रंग की साड़ी पहने चल रही थी। साथ ही समाजजन अपने हाथो में षिखर जी बचाओं अभियान की तकतिया लिए और हाथों में काली पट्टी बाधें मौन रैली में चल रहे थें। वही रैली नगर के मुख्य मार्ग सराफा बाजार,कपड़ा बाजार,चांदनी चौक,कोट गेट,राज बाजार,पुराना बस स्टेण्ड से होते हुए पुलिस थाना परिसर पहुची। जहां समाज के लोगों ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम अतिरिक्त तहसीलदार आर के मेहरा को ज्ञापन सौपते हुए बताया कि पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाता है लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) 02 अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए साथ ही पारसनाथ पर्वतराज और मधुबन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाए। पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण,सामान जांच हेतु सीआरपीएफ व स्कैनर,सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए। पर्वतराज से पेड़ो का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना पर प्रतिबंधित किया जाए।
जैन समाज के युवाओं में आक्रोष – वही जैन समाज के युवा सौरभ जैन गुलाबगंज,दिव्यांष जैन सुपाठी,सजंय जैन सियालपुर, पवन जैन ने कहा कि प्रषासन को हमने एक दिन पूर्व इस विषाल मौन रैली की सूचना दी थी लेकिन फिर भी रैली में कोई भी बडा जिम्मेदार अधिकारी नही पहुचा और पुलिस थाने में महिलाओं की व्यवस्था बनाने के लिए कोई भी महिला आरक्षक मौजूद नही थी। रैली में छोटे छोटे बच्चे भी थे वही इन बच्चों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था भी नही थी।
पर्वत की वंदना मार्ग को किया जाए अतिक्रमण मुक्त – गत 15 जनवरी 2022 को पारसनाथ पर्वतराज पर हजारो लोगो की भीड़ चढ़ी लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा और पवित्रता हेतु स्थानीय पुलिस व प्रशासन की कोई व्यवस्था नही थी, जिसके कारण जैन लोगो ने पवित्र जैन तीर्थकर मोक्षस्थलियो पर जूते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया, जिसकी विडियो वायरल होने पर सकल जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ और 27 जनवरी 2022 को विश्व जैन संगठन के साथ अनेको जैन संस्थाओं ने मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किये जाने और पर्वत पर जाने वाले यात्रियों के पंजीकरण, सीसीटीवी कैमरे, यात्रियों के सामान की जांच हेतु स्कैनर व सीआरपीएफ के साथ दो चेक पोस्ट स्थापित किये जाने, पर्वत की वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने और शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराने हेतु याचिका भेजी गयी लेकिन जैन समाज की मांगो पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। वही अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी 24 मार्च 2022 को संगठन को समस्त जैन समाज के उपरोक्त विषयों पर झारखंड सरकार और केंद्रीय वन मंत्रालय को कार्यवाही करने हेतु जानकारी दी गयी थी, लेकिन फिर भी आज तक कोई कार्यवाही नही की गई। इस दौरान रैली में जैन समाज के अध्यक्ष जिनेन्द्र कुमार जैन,मंत्री सुनील जैन,ब्रिदीचन्द्र जैन,नेमीचन्द्र जैन भौरिया, बडें मंदिर के अध्यक्ष प्रवीण जैन भूपत,छोटे मंदिर के अध्यक्ष राकेष जैन भौरिया,पंचखनी जैन मंदिर के अध्यक्ष डॉ राजीव जैन बंटी,षैलेन्द्र गोयल,जितेन्द्र जैन,राकेष जैन भौरिया,संजीव जैन रेखला,प्रमोद जैन, सहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहें।