सहरसा जिले के सौर बाजार थाना क्षेत्र के फोरसाहा गांव में 1984 ईसवी में दो गुटों में जमकर मारपीट चली थी जिसमे एक पक्ष के 8 लोगों की हत्या कर दी गई थी जिसमे कुल 45 लोगों पर सौर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना के बाद सभी नामजद आरोपी को सौर बाजार थाना द्वारा कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत सहरसा भेज दिया गया जहां से न्यायालय द्वारा सभी को मंडल कारा सहरसा भेज दिया गया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान 5 आरोपी को दोषमुक्त करार देते हुए उसे जेल से रिहा कर दिया गया। बचे हुए 40 दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जिसमें अब तक 22 लोगों की मौत जेल में ही हो चुकी है और 18 व्यक्ती अभी भी जेल में ही बंद है जिसमे सभी की उम्र 70 वर्ष से 80 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इसको लेकर जेल में बंद कैदी के परीजन का कहना है की न्यायालय द्वारा सुनाया गया आजीवन कारावास की सजा जनवरी 2023 में ही पुरी हो चुकी है जिसका सरकारी रिपोर्ट भी उपलब्ध है। वही मामले को लेकर कैदी के परीजन बिहार सरकार के समक्ष भी इस मामले को प्रस्तुत कर कैदी के रिहाई का अनुरोध किया है की अब तक जेल में बंद कैदी अपने उम्र के दहलीज को पार कर कष्टमय जिंदगी जी रहे हैं जहां उसे बुढ़ापे में किसी का सहारा चाहिए था वो बिना किसी के सहारे के आजीवन कारावास की सजा काटकर भी जेल में बंद हैं। हालाकि जेल में बंद कैदी के परिजन ने बताया की बिहार सरकार के सामने अपना पक्ष रखने के बाद जो भी अनुसंशा की गई है उसमे सहरसा जिला पुलिस अधीक्षक ने अपना मंतव्य लिखा है की सौर बाजार थाना द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार असमय करामुक्ति से आस पड़ोस एवम परिवार के लोगों सहित समाज पर किसी प्रकार का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा जबकि इस मामले में न्यायालय ने अपना मंतव्य जाहिर करते हुए बताया की हत्या जैसे गंभीर मामले में दोष सिद्ध कर सजा दी गई है फिर भी यदि राज्य सरकार नियमानुसार दोष सिद्ध अभियुक्त को करामुक्त का परिहार करना चाहती है तो इससे न्यायालय को कोई आपत्ती नही है, वहीं काराधीक्षक अपने प्रतिवेदन में लिखा है की कारा में आचरण संतोषप्रद रहा है। परिजन ने बताया की पुलिस महानिरीक्षक और परिहार पर्षद ने अपने अनुशंसा में लिखा है की 8 व्यक्तियों की निर्मम हत्या हुई है अभियुक्त को कारामुक्त किए जाने पर समाज में गलत संदेश जाएगा और विधि व्यवस्था में समस्या उत्पन हो सकती है इसलिए असमय कारा से मुक्त नहीं किया जा सकता है, जिसको लेकर परिजन ने बताया की अभी हाल ही में बिहार के चर्चित नेता को असमय कारा से मुक्त किया गया है तो फिर हमलोगों के ऊपर ये नियम क्यों नहीं लागू हो सकती है जबकि इससे पहले भी बक्सर जेल से राजबल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव को असमय जेल से रिहा किया गया है।
सहरसा से मिथिलेश कुमार, इंडियन टीवी न्यूज रिपोर्टर