धीरेंद्र शास्त्री बोले, वर्दी वाले भी इंसान,उन्हें मेरी चिंता थी, इसलिए मैं वहां गया

Dhirendra Shastri

नोएडा,10 जुलाई 2023 (यूएनएस)। बागेश्वर धाम घ्वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री शनिवार को दिल्ली पुलिस के आईपी एक्सटेंशन स्थिति डीसीपी ऑफिस में पहुंचे थे। इसकी एक फोटो सामने आई थी। इसमें वह अफसरों के साथ बैठे दिखाई दिए। इसके बाद डीसीपी ऑफिस में पं. धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगने की चर्चा छिड़ गई थी। इसे लेकर अब धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, वर्दी में जो हैं, वो भी इंसान हैं। उनके अंदर भी भावनाएं हैं। माता-पिता और संतों का सम्मान अगर पढ़े-लिखे और राष्ट्र के कानून की शपथ खाए हुए लोग नहीं करेंगे, तो क्या ऐरा-गैरा करेंगे। कार्यक्रम की भीड़ और मेरी सुरक्षा को लेकर दिल्ली पुलिस को चिंता थी। पुलिस की रिक्वेस्ट पर मैं उनके ऑफिस गया था। गाजियाबाद के मुरादनगर के कॉइट कॉलेज में रविवार देर रात कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा, हम आज कहीं न्यूज पढ़ रहे थे। न्यूज वालों ने उल्टा-पुल्टा लिख दिया। हम उन्हें कहना चाहते हैं कि हम अपनी स्वेच्छा से सहर्ष गए थे। वो हमारी सुरक्षा को लेकर परेशान हो गए थे। कह रहे थे कि भीड़ हल्की हो जाएगी, तब तक आप हमारे कार्यालय में बैठिए। इसलिए वहां गए थे। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- क्या माता-पिता या पुलिस वाले अपने गुरु को प्रणाम नहीं कर सकते? ये जो भी छाप रहे हो, सावधान, खबरदार हो जाएं। भारत राम का राष्ट्र है। राम के राष्ट्र में माता-पिता को पूजा जाता है। वो (पुलिस वाले) भी इंसान हैं, उनके अंदर भी भावना है। वो दिन रात भारत की रक्षा के लिए लगे हैं। हमें अच्छा नहीं लग रहा। इस प्रकार की खबरों पर रोक लगाओ। सच्चे हिन्दू और सनातनी हो तो पुलिस का सपोर्ट करो। धीरेंद्र शास्त्री ने खुले मंच से यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन भी किया। उन्होंने कहा, हमें कागज पर हिन्दू राष्ट्र नहीं, तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के दिलों में हिन्दू राष्ट्र चाहिए। राम चरित मानस का आदर्श, सनातनी हिंदुओं की बात पर एकता, मंदिरों में भीड़, सड़कों पर तूफान और रामराष्ट्र से सजा हिन्दुस्तान चाहिए। वरना जो हाल दिल्ली में साक्षी का हुआ, वो हमारी बहन बेटियों का होगा। ये नहीं चाहते हो तो जागो। हमारा कथा दरबार सिर्फ एक बहाना है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री रविवार आधी रात को गाजियाबाद पहुंचे। तेज बारिश की वजह से कविनगर रामलीला मैदान में जो कार्यक्रम रद्द हुआ था, वो ऐन वक्त पर मुरादनगर के काइट कॉलेज के ऑडिटोरियम में हुआ। धीरेंद्र शास्त्री इस कार्यक्रम में करीब 3 घंटे तक मौजूद रहे। शॉर्ट नोटिस के बावजूद बारिश के मौसम में उन्हें सुनने के लिए हजारों भक्त पहुंचे। इससे पहले दिल्ली से गाजियाबाद आते वक्त जब वह राजनगर एक्सटेंशन पहुंचे तो आधी रात को सैकड़ों भक्तों ने उनका स्वागत किया। संस्कार शिक्षा केंद्र की ओर से हुए कार्यक्रम में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, भारत में भिक्षा नहीं, शिक्षा की आवश्यकता है। हमें सड़कें, मकान, फ्री गैस नहीं चाहिए। हमें भारत में गुरुकुल पद्धति चाहिए। अगर हमारे बच्चे पढ़ जाएंगे तो रोड और मकान खुद बनवा लेंगे। अंग्रेजों ने भारत में आकर सर्वप्रथम प्रहार शिक्षा पर किया था, इसलिए हम भिक्षा पर आ गए। आज फिर से शिक्षा की जरूरत है। जीवन कैसे जीना है, इसके लिए अध्यात्म की शिक्षा आवश्यक है।

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