
विकास राजा संवाददाता दिनारा
शिवपुरीः जिले के दिनारा कस्बे में अवैध वसूली को लेकर चर्चा में बना सिकंदरा बेरियर प्रशासन की नाक के नीचे चलता है अवैध वसूली का धंधा
खास खबर विकास राजा की कलम से
लगातार शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नही
शिवपूरी- शिवपुरी जिले के करैरा अनुविभाग के दिनारा क्षेत्र में सिकंदरा बैरियर पर अवैध बसूली का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है यहाँ आए दिन वाहन चालकों के साथ गाली गलौज के साथ मारपीट की घटना आम बात हो गई है वहाँ पर मौजूद परिवहन कर्मियों व प्राइवेट कटरों द्वारा ट्रक चालकों से खुले-आम अवैध बसूली की जा रही है। लेकिन धनबल के दम पर इनपर कोई कार्यवाही नही की जा रही है। और वहां चालक परेशान बने हुए है। इसके अलावा आमजन को भी यहां से निकलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि हाइवे पर यहां खड़े वाहनों के कारण जाम जैसे हालात बने रहते है दिनांक 01 से लेकर 10 तारीख तक जाम की स्थिति ज्यादा रहती है प्राइवेट लोगो के इशारे पर निकल रहे अवैध वाहन*:-सिकंदरा बैरियर पर मौजूद कर्मचारियों से कई प्राइवेट लोग अपने अपने सम्पर्क बनाये हुए है और वह प्राइवेट लोग इन ट्रक चालकों से अवैध बसूली कर मौजूद कर्मचारियों को वाहन का नम्बर बताकर आसानी से निकलवा देते है और यदि कोई वाहन चालक इन प्राइवेट लोगो के सम्पर्क में नही आता तो उसको दिनभर खड़ा कर मौजूद कर्मचारियों द्वारा रात में पैसे लेकर निकाल दिया जाता है
परिवहन विभाग ने दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की जांच के लिए बनाए गए बैरियर हर वाहन से अवैध राशि वसूल रहे हैं। दिनारा के आगे दतिया तिराहे पर स्थित सिकंदरा बैरियर पर हर वाहन से 500 से दो हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। पूर्व मे अवैध वसूली के चलते ही यह सिकंदरा समेत प्रदेश में तमाम बैरियरों पर केंद्र सरकार ने ताले लगवा दिए थे। इसके बाद दो साल पहले यह दोबारा से शुरू किए गए। शुरू होते ही यहां पर एक बार फिर वसूली का काम शुरु हो गया। सिकंदरा बैरियर पर उत्तरप्रदेश के साथ हरियाणा, बिहार, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल, कोलकाता आदि राज्यों के वाहनों को होकर गुजरना पड़ता है। हर वाहन से न्यूनतम 500 रुपये की एंट्री वसूली जाती है। यदि किसी ट्रक के कागज जैसे लोडिंग, परमिट, बीमा, लाइसेंस, फिटनेस आदि पूरे हैं तो उससे कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। यहां पर गाड़ी पास होने के नाम पर कम से कम 500 रुपये लेते हैं। इसके बाद ट्रक में जितने चक्के बढ़ते जाते हैं, उसके हिसाब से गेट पास की रकम भी बढ़ती जाती है। खिड़की पर रुपये जमा करने के बाद अवैध गेट पास भी चालकों को दिया जाता है। यदि कोई चालक रुपये देने से इनकार करता है तो उसे कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। कई बार यहां मौजूद प्राइवेट गुर्गे उनके कागज छुड़ाने के साथ मारपीट तक करते हैं।गुजरात व उप्र में एक रुपया नहीं लगता, मप्र में आते ही जेब खाली हो जाती है
बैरियर के आगे खड़े एक ट्रक चालक लियाकत अली ने बताया कि वह कोलकाता से गुजरात माल लेकर जा रहे हैं। कोलकाता से गुजरात जाते हैं तो गुजरात में इतना बढ़िया इंतजाम है कि वहां पर एक रुपया नहीं लेते हैं। खाली गाड़ी है तो उसकी भी 1500 रुपये की एंट्री ली है। रसीद मांगी, लेकिन नहीं दी। राजस्थान में भी खाली गाड़ी से एक रुपया भी नहीं लेते हैं। बहस करो, तो परमिट भी रख लेते हैं। उत्तरप्रदेश में भी बढ़िया सिस्टम है कि कहीं से कहीं घुस जाओ, कुछ भी नहीं लगता है। मध्यप्रदेश में आते ही जेब खाली हो जाती है।
मौके पर नही रहते बैरियर प्रभारीसिकंदरा बैरियर के प्रभारी महीने में केवल दो चार दिन ही बेरियर पर रहते है बकाया यहाँ की जिम्मेदारी कर्मचारियों व कटरों पर निर्भर है जो केबल बसूली करते नजर आते।
हाइवे पर लगा रहता घण्टो जाम
अवैध वसूली के चलते सिकंदरा बैरियर के सामने हाइवे पर वाहन की लंबी कतार सड़क पर लगी रहती है जो कभी भी देखी जा सकती है। जिससे वहाँ से निकले में चार पहिया व दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैशिकायत कर्ताओ को धनबल से कर लिया जाता मेनेज
सिकंदरा बैरियर बंद होने के बाद जब दोबारा चालू हुआ तो कई दिनों तक यहाँ विवाद चलता रहा लोगो ने स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टर तक शिकायते की शिकायतों के बाद धनबल के सहारे शिकायतकर्ताओ को भी सन्तुष्ट कर दिया गया तब से लेकर आज तक अवैध बसूली का सिलसिला बदस्तूर जारी बना हुआ हैपैसे न देने पर खाली ट्रकों को दिन भर रखते हैं खड़े
ट्रक चालको ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गाड़ी के सभी कागजात पूरे होने के बाद भी 1 हजार से पांच हजार रुपये तक की मांग की जाती है और अगर पूछते हैं कि किस बात का पैसा दे तो वहाँ पर मौजद कर्मचारियों गाली गलौज कर मारपीट करने को तैयार हो जाते है में सुबह खाली गाड़ी लेकर आठ बजे आ गया था तब से अभी शाम के 5 बज गए खड़ा किये है तीन हजार रुपए मांग रहे है।करैरा विधायक ने जताया था विरोध, नहीं हुआ असर
कुछ दिनों पूर्व करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव सिकंदरा बैरियर पर अवैध वसूली की शिकायतें मिलने के बाद वहां पहुंचे। वहां उन्होंने मौजूद कर्मचारियों की क्लास भी ली, लेकिन उनके विरोध का कोई असर नहीं हुआ। उनके रवाना होते ही फिर से सिकंदरा पर अवैध वसूली शुरू हो गई। इसके बाद विधायक ने विधानसभा में प्रश्न भी लगा दिया