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जबलपुर -म.प्र.हाईकोर्ट का परिवहन आयुक्‍त से सवाल-मोटर ह्वीकल एक्ट के प्रविधानों का पालन क्‍यों नहीं l

जबलपुर -म.प्र.हाईकोर्ट का परिवहन आयुक्‍त से सवाल-मोटर ह्वीकल एक्ट के प्रविधानों का पालन क्‍यों नहीं l

संजय निवास द्विवेदी-जबलपुर ब्यूरो चीफ ( Indian TV news)

हाई कोर्ट ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त से पूछा कि मोटर ह्वीकल एक्ट के प्रविधानों का जनता से पालन सुनिश्चित क्यों नहीं करा पा रहे हैं। कोर्ट ने उन्हें बुधवार को स्वयं उपस्थित होकर बताने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि जुलाई में सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने अंडरटेकिंग दी थी कि छह माह में के भीतर प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जाएंगी। इसी तरह प्रत्येक दोपहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट होगा और कार चालक सीट बेल्ट पहनेगा। सरकार ने अंडरटेकिंग दी थी कि 15 जनवरी, 2024 के बाद यदि एक भी वाहन चालक उक्त नियमों का उल्लंघन करता है तो परिवहन आयुक्त और एडीशनल इंस्पेक्टर जनरल आफ पुलिस अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे।

अतिरिक्त मोहलत की मांग की अस्वीकार

इस मामले की मंगलवार को सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पालन-प्रतिवेदन पेश किया गया और पूर्ण-पालन के लिए अतिरिक्त मोहलत मांगी गई, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अतिरिक्त महाधिवक्ता से पूछा कि वह परिवहन आयुक्त को स्वयं पेश कराएंगे या वारंट जारी करें। इस पर अतिरिक्त महाधविक्ता ने बुधवार को परिवहन आयुक्त को हाजिर कराने का आश्वासन दिया।

ग्वालियर की विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की पीआइएल

ग्वालियर निवासी विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य ने वर्ष 2021 में हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने यह जनहित याचिका ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कराई।
याचिकाकर्ता की ओर से ग्वालियर के अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने बताया कि मोटर ह्वीकल एक्ट और रूल्स में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग ने एक परिपत्र जारी कर कहा था कि जिस एजेंसी से वाहन खरीदा जाए, वहीं से क्रेता को हेलमेट भी बेचा जाए। जनहित याचिका में बताया गया कि प्रदेश में केवल कागजों में कार्रवाई हो रही है, धरातल पर नियमों का पालन नहीं हो रहा।

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