प्रेस नोट
बंडूभाऊ चौरागडे,संवाददाता खापरखेड़ा
*लड़की को पढ़ाओ वह अपने पैरों पर खड़ी होगी और परिवार का आधार बनेगी..डॉ.प्रियंका सरोदे
महिलाएँ केवल परिवार की नही बल्कि पूरे समाज की रीढ़ होती हैं साथ ही त्याग और सहनशीलता की मूर्ति होती हैं, आज विश्व में महिलाएँ मातृशक्ति के बल पर हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे हैं, उन्होंने दिखा दिया है कि, अब महिलाएँ केवल बच्चों तक ही सीमित नहीं, बल्कि पुरुष प्रधान संस्कृति में पुरुषों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। यदि वह अपने पैरों पर खड़ी होती हैं तो परिवार का सहारा बन जाएगी। यदि वह शिक्षा में उत्कृष्ट हो जाएगी, तो वह परिवार की धुरी बन जाएगी। लेकिन साथ ही वह अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगी और परिवार को सहारा देंगी। परिवार और समाज में वसुधैव कुटुंबकम आएगा। महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और परिवार और समाज के लिए रोल मॉडल बनें। महाराष्ट्र श्रम कल्याण मंडल समूह क्रमांक 2 नागपुर के अंतर्गत श्रम कल्याण केंद्र खापरखेड़ा प्रकाशनगर कॉलोनी में प्रशासनिक गतिशीलता के तहत हाल ही में महिला श्रमिक परिवार के लिए महिला समागम, हल्दी कुंकू कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में डाॅ. इस अवसर पर प्रियंका सरोदे बोल रही थीं, सबसे पहले प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। विशेष अवसर के रूप में हिंगना-सिंगोरी गट ग्राम पंचायत के सरपंच कुंदा अशोक चिखले की पुस्तक उखाने समरचा, पालने वा मोढ़ी का विमोचन किया गया, जिसमें 252 उखाने शामिल हैं। पालने, पालना, रजनीमाई का पालना। हि उन्होंने अपनी पुस्तक में कई गीत लिखे हैं जिनमें सोनुल्या का पालना, श्री राम का पालना, श्री कृष्ण का पालना, अंगाई गीत, महनी और सोनुल शामिल हैं।
कुंदा चिखले ने कहा कि इससे निश्चित रूप से उनके परिवार, समाज और धर्म की महिलाओं को लाभ होगा। नंदलालजी राठौड़ सहायक कल्याण आयुक्त माननीय श्री छोटू जाधव कार्यकर्ता कल्याण अधिकारी समूह क्रमांक 2 ने कार्यक्रम का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में माजी ग्रामपंचायत सदस्य नीता जालंधर मुख्य महेमान के तौर उपस्थित थी,संचालन केंद्र महिला कल्याण सहायक सोनाली ठाकरे ने किया,और आभार प्रदर्शन मंदा सोनुलकर ग्रंथपाल ने किया। इस वक्त अनेक महिलाओ ने सहभाग लिया