Follow Us

विनम्र निवेदन : 14 फरवरी को प्रदेश भर के विद्यालयों में ‘माँ सरस्वती पूजन’ करने एवं इस दिन को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनाया जाए: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गुजरात

विनम्र निवेदन : 14 फरवरी को प्रदेश भर के विद्यालयों में ‘माँ सरस्वती पूजन’ करने एवं इस दिन को ‘मातृ-पितृ पूजन दिवस’ के रूप में मनाया जाए: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गुजरात
…….
नील कुमार संवाददाता पाटन/गुजरात

सनातन संस्कृति एवं भारतीय परंपरा के अनुरूप वसंत पंचमी के पावन दिन मां सरस्वती की श्रद्धापूर्वक पूजा करते हैं और विद्यासाधना के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। भारतीय संस्कृति में हमारी जड़ें हैं। वसंत ऋतु के आगमन पर विद्यालय के आरंभ में मां सरस्वती की पूजा करना वांछनीय है। आजकल संयुक्त परिवार कम हो रहे हैं, इसके कारण विभक्त परिवार बढ़ रहे हैं। पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण और उसके पागलपन के कारण बच्चों के संस्कारों से माता-पिता का अभिवादन लुप्त होता जा रहा है।

इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए पूरे गुजरात के स्कूलों में 14 फरवरी को विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा की जानी चाहिए। इसके अलावा माता-पिता के प्रति सम्मान बढ़ाने वाले संस्कारों को विकसित करने के लिए इस दिन को ‘मातृ-पितृ पूजन’ दिवस के रूप में मनाना भारतीय संस्कृति के अनुरूप एक बहुत ही उचित कदम होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी शिक्षा और व्यवस्था को भारतीय संस्कृति के अनुकूल बनाने पर जोर देती है। यदि इस दिन ‘मां सरस्वती पूजन’ और ‘मातृ-पितृ पूजन’ किया जाए तो यह बहुत ही सराहनीय कार्य होगा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंध गुजरात से विनम्र निवेदन है कि भावी पीढ़ी को संस्कारों से सुसज्जित करने के लिए उपरोक्त बातों पर अमल करें।

Leave a Comment