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भोपाल। प्रदेशभर के एमजीजीएसके वीएलई ने अपने मानदेय की मांगो को लेकर भोपाल में किया प्रथम राज्य सम्मेलन*

*प्रेसविज्ञप्ति 19/02/24*

*प्रदेशभर के एमजीजीएसके वीएलई ने अपने मानदेय की मांगो को लेकर भोपाल में किया प्रथम राज्य सम्मेलन*

52 जिलों के एमजीजीएसके वीएलई प्रतिनिधि शामिल हुए
15 सदस्यीय प्रदेश पदाधिकारी, 56 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी, 51सदस्यीय राज्य कॉउन्सिल का भी गठन किया

पिछोर भोपाल। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केंद्र परियोजना के पुनः नियमित संचालन व मानदेय के भुगतान की मांग और समस्त CSC VLE, MP ऑनलाइन, कियोस्क, बैंकमित्र आदि के हितों की सुरक्षा की मांग को लेकर एमजीजीएसके वीएलई संघर्ष समिति के बैनर तलें भोपाल टॉकीज चौराहा स्थित कम्युनिटी हॉल में अपना प्रथम राज्य सम्मलेन आयोजित हुआ। जिसकी शुरुआत देशभक्ति व जनगीतों के माध्यम से की गई।
संघर्ष समिति के कोर कमेटी सदस्य व सम्मलेन की अध्यक्षता कर रहें मनोज रजक ने बताया गया कि आज के सम्मेलन में तीन प्रस्ताव पारित किए गए। जिसमे एमजीजीएसके परियोजना के पुनः संचालन और लंबित मानदेय के भुगतान संबंध में CSC व बैंक मित्र को लेकर प्रस्ताव को सम्मलेन के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत कर पारित हुए।
उन्होंने आगे कहा उल्लेखनीय है कि आयुष्मान कार्ड की यौजना में ज़मीनी स्तर पर एमजीजीएसके का महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान की गई है। इसके अलावा COVID टीकाकरण मे भी केन्द्रों के VLE के माध्यम से पंजीयन के कार्य किये गए थे। अन्य शासकीय कार्यो मे भी केन्द्रों एवं परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन कार्यों के एवज में VLE/सखी को निश्चित पारिश्रमिक मानदेय देना का अनुबंध हुआ था।
बड़ी विडंबना है कि सरकार आज जिन योजनाओं का वाहवाही लूट रही है उसका जमीनी कार्य में VLE का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन आज दिनांक तक मानदेय के रूप में एक रुपये की भी राशी हमको प्राप्त नहीं हुई है। आज लगभग 42 माह से मानदेय अप्राप्त है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए निजीकरण विरोधी कमेटी के राज्य सचिव मुख्य अतिथि श्री प्रदीप आर बी ने कहा
आज भयंकर रूप से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। और सरकारें सभी सार्वजनिक विभागों जैसे बैंक, बीमा, रेलवे, बिजली, परिवहन व अन्य सभी आधारभूत सुविधाओं का निजीकरण कर कंपनियों को बेचा जा रहा है जिसके चलते सरकारी नोकरियों में बड़े स्तर पर कमी आयी है। आज स्थायी रोजगार देने के जगह संविदा, ठेकाकरण, आउटसोर्सिंग, फिक्स टर्म एम्प्लॉयमेंट पर रोजगार देने की बात की जा रही है।
एआईडीवाईओ राज्य सचिव प्रमोद नामदेव ने कहा हम सभी MGGSK VLE/सखी व ऑनलाइन ऑपरेटर्स से अपील करना चाहते है की हम सभी संगठित रहकर हमारे मानदेय सम्बंधित,परियोजना को पुनः प्रारंभ करने की लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती।
राज्य सम्मेलन को अनिल कनारे, हरिश्चंद्र चिढार, हरिदास राजपूत, आशिक शाह, धीरेन्द्र शिवहरे ने भी संबोधित किया।
अंत मे एमजीजीएसके वीएलई संघर्ष समिति, मध्यप्रदेश की नवनिर्वाचित कमेटी का गठन किया जो इस प्रकार है- **प्रथम राज्य सम्मेलन में नवनिर्वाचित MGGSK VLE संघर्ष समिति, मप्र की कमेटी चुनी गई*

प्रदेश अध्यक्ष- मनोज रजक
उपाध्यक्ष- हरिश्चंद्र चिढार,आशिक शाह,धीरेंद्र शिवहरे
सचिव- अनिल कनारे
सचिवमण्डल सदस्य- संतोष चौहान, राकेश सोलंकी, अशोक सिंह, कुणाल बराडे, बुन्देल सिंह अहिरवार, सत्यप्रकाश, संजय सेनानी, उमेश अतुलकर, नीता ओझा, भारत चौहान आदि
कार्यालय सचिव- हरिदास राजपूत
कोषाध्यक्ष- अनिल कनारे, सह कोषाध्यक्ष धीरेंद्र शिवहरे,
सोशल मीडिया प्रभारी- हरिश्चंद्र चिढार
सलाहकार मण्डल-
प्रदीप आर बी, प्रमोद नामदेव, मुदित भटनागर, सिद्धांत कुमार, निहार सोनी.
इसके अलावा 56 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी व 51 सदस्यीय राज्य कॉउन्सिल का भी गठन किया गया।

पिछोर राघवेंद्र सिंह चौहान की रिपोर्ट

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