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गुजरात साहित्य अकादमी द्वाराशेठ एम.एन. हाईस्कूल, पाटन में ‘मातृभाषा व्याख्यान’ के साथ विश्व मातृभाषा दिवस मनाया गया

•गुजरात साहित्य अकादमी द्वाराशेठ एम.एन. हाईस्कूल, पाटन में ‘मातृभाषा व्याख्यान’ के साथ विश्व मातृभाषा दिवस मनाया गया

•आधुनिक समय में गुजराती और अंग्रेजी का मिश्रण ‘गुजलिस’ का चलन बढ़ गया है – डॉ. रूपेशभाई भाटिया

•आज समाज में मातृभाषा दिवस मनाना पड़े, इससे अधिक विशेष दुःख या करुणा क्या हो सकती है! -आचार्य जुझारसिंह सोढ़ा

•विज्ञान विशेषज्ञ डाॅ. रूपेश भाटिया और जुजार सिंह सोढ़ा मातृभाषा के अवसर पर मातृभाषा पर एक आकर्षक और प्रभावशाली भाषण दिया

पाटन गुजरात से पीनल नील कुमार की रिपोर्ट

गुजरात साहित्य अकादमी, खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधियां विभाग-गुजरात, आनंदालय, रोटरी क्लब ऑफ पाटन और उत्तर गुजरात युवक मंडल संचालित*शेठ एम. एन हाईस्कूल, पाटन* के संयुक्त पहल से मातृभाषा महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,21 फरवरी 2024 को सुबह 9 बजे सेठ एम. एन। हाईस्कूल परिसरमें आयोजित किया गया. जिसमें श्री अभिनव हाईस्कूल सिद्धपुर के प्राचार्य डाॅ. रूपेशभाई भाटिया और पी.पी.जी एक्सपेरिमेंटल हाईस्कूल के प्रभारी प्राचार्य जुजारसंग सोढ़ा, उत्तर गुजरात युवक मंडल के कार्यकारी सदस्य श्री मनोजभाई पटेल, पाटन नगर पालिका के नगर सेवक श्री घनश्यामभाई पटेल, पाटन के बी. डी। हाईस्कूल प्राचार्य डाॅ.बलदेवभाई देसाई, लायंस क्लबके पूर्व अध्यक्ष श्री प्रदीपभाई बारोट और हारीज के. पी। हाई स्कूलके शिक्षक राजेशभाई ठक्कर, स्कूल के उत्साही प्रिंसिपल श्री धनराजभाई ठक्कर, स्कूल के पूरे शिक्षण स्टाफ और छात्रों की उपस्थिति में आयोजित किया गया था।
विद्यालय की छात्राओं ने वंदना एवं अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्राचार्य धनराजभाई ठक्कर ने किया. सभी का स्वागत किताबों, रूमाल और गुलाब से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री डाॅ. रूपेश भाई भाटिया ने कहा कि आजकल हम सभी गुजरेजी के शिकार हो रहे हैं. भाषा को मिश्रित कर दिया गया है. हमें अंग्रेजी भाषा से कोई आपत्ति या विरोध नहीं है। लेकिन अंग्रेजी ने हमारे मानस पर कब्ज़ा कर लिया है। इसलिए हम अपनी मातृभाषा स्पष्ट रूप से नहीं बोल पाते। जिसके कारण हमारे मानस पर अंग्रेजी भाषा का प्रभाव संस्कृति पर पड़ा है। सुबह जल्दी उठने से लेकर हमारी रोजमर्रा की गतिविधियों में अंग्रेजी संस्कृति घर करने लगी है। सुबह सुप्रभातम और जय श्रीकृष्ण की जगह गुड मॉर्निंग, सुबह नाश्ते की जगह नाश्ता और सुबह अल्पाहार, दोपहर को लंच की जगह लंच, स्कूल में खुले कपड़ों की जगह यूनिफॉर्म टाई, शाम को डिनर की जगह गुड नाइट रात्रि में शुभरात्रि आदि से हम जूझ रहे हैं। उसी प्रकार आज के जन्मदिन समारोह के माध्यम से हम पाश्चात्य संस्कृति को अंधा करके अंग्रेजी की गुलामी से बाहर नहीं निकल सकते।भारत के बारह महीनों और भारतीय त्योहारों के नाम अंग्रेजी तारीखों से बदल कर और भारतीय त्योहारों को अंग्रेजी से संक्रमित कर उन्हें धर्म और विज्ञान से दूर कर हम कैसी भावी पीढ़ी का निर्माण करेंगे? वर्तमान समाज को आजके मातृभाषा दिवस के बारे में गहराई से सोचने की जरूरत है। वर्तमान में अंग्रेजी को लेकर समाज में कुछ भ्रांत धारणाएं हैं, जिसके चलते अब बच्चे को किस माध्यम से पढ़ाया जाए? अंग्रेजी किस मानक से और कैसे पढ़ायें? आदि से माता-पिता अनभिज्ञ हैं। जिसे अंग्रेजी मीडियम में डालने के बाद पछताना पड़ता है। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और बावा बे बगड्या जैसी चाल रची जाती है. अंग्रेजी अच्छे से नहीं सीख पा रहे और गुजराती अच्छे से नहीं सीख पा रहे! कुछ भ्रामक मान्यताएँ जैसे, आधुनिक विकास अंग्रेजी भाषा की सहायता के बिना नहीं होगा, यदि आप विदेश जाना चाहते हैं, तो आपको अंग्रेजी की आवश्यकता है!, दुनिया का ज्ञान अंग्रेजी में है, इसलिए यदि आप अंग्रेजी नहीं जानते हैं, तो आप कैसे सीखेंगे विज्ञान? आदि विषयों को युक्तिसंगत उदाहरणों द्वारा समझाया गया। इसके अलावा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत, उच्च शिक्षा में मातृभाषा और अंग्रेजी पाठ्यक्रमों के महत्व को अब भारत की 12 भारतीय मान्यता प्राप्त भाषाओं में बदल दिया जाएगा और छात्र 12 भाषाओं में से किसी एक में अध्ययन कर सकेंगे। जिससे भविष्य में मातृभाषा को अवश्य ही बढ़ावा मिलेगा।
कार्यक्रम में मातृभाषा के विषय पर हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्रभाई पटेल का संदेश सुनकर सभी ने अपने आपको धन्य महसूस किया।
विद्यालय की बेटी पटनी स्नेहा ने राग ढाल के साथ गुरुवंदना की गजल गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता थे पी.पी.जी एक्सपेरिमेंटल हाईस्कूल के प्रिंसिपल श्री जुजारसांग सोढ़ा, जो पूरे पाटन जिले में 108 के उपनामसे जाने जाते हैं और विभिन्न सेवा गतिविधियों में अग्रणी हैं, जिन्होंने अपने व्याख्यान में अपनी हास्यशैलीमें

मातृभाषा के महत्व को समझाया। . उन्होंने अपने अनूठे अंदाज में गुजराती दोहा और हालरडा सुनाकर छात्रों को गुजराती भाषासे परिचित कराया। इसके अलावा उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषामें होनी चाहिए विषय का हवाला देते हुए कहा कि हम जिस भाषामें हों उसी भाषा में हमें शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। सपना, इसका मतलब है कि हम अंग्रेजी में सपना देखते हैं। हम हमेशा अपनी मातृभाषा में सपना देखते हैं या नहीं, लेकिन हमारी प्रारंभिक शिक्षा उसी भाषा में प्राप्त करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज समाज में मातृभाषा दिवस मनाना पड़ रहा है, इससे बड़ा दुख या करुणा क्या हो सकती है! मातृभाषा के महत्व को दर्शाने वाले उदाहरण देकर समझ दी तथा गुजराती दोहा तथा झवेरचंद मेघानी की शौर्य काव्य एजी ओधंता कसुम्बी नो रंग, शिवाजी की हालरडा तथा गुजराती गीतोंके माध्यम से मातृभाषा की भावनात्मक समझ दी। रईस मनियार की काव्य पंक्तियों और ओजस्वी शब्दों ने भाषा की अभिव्यक्ति और उसके प्रभाव की जानकारी दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री मनोजभाई पटेल ने विद्यार्थियों से आज के कार्यक्रम सेसीख लेकर सुबह राम राम या जय श्री कृष्ण या भगवान का स्मरण करने को कहा तथा जन्मदिन भारतीय पद्धति से मनाने का आग्रह किया। दूसरे अतिथि विशेष सजग नागरिक सेवक श्री घनश्‍यामभाई पटेल ने सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को मिठाई खिलाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवादविधि विद्यालय की हायर सेकेण्डरी की सुपर वाइसर श्रीमती वर्षाबेन पटेलने किया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के भाषा शिक्षक श्री वीरमजी ठाकोर द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।

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