संवाददाता महेंद्र पाण्डेय
रजवांस। सागर जिले के मालथोन तहसील क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा मडावन मार से हडुआ तक निर्माणरत सड़क में पुलिया बनवाई जा रही हैं जिसमें ग्रामीणों ने ठेकेदारो पर मनमाने तरीके से घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाये हैं। किस्म सीमेंट, काली मिट्टी, क्रेशर मिक्स रेट का प्रयोग किया जा रहा हैं। जिसमें सम्बंधित अधिकारी ऑफिस, दफ्तर में बैठे हैं और इस से बेखबर है।
मिली जानकारी तहसील मालथोन क्षेत्र का हैं जहां पीडब्लूडी विभाग द्वारा मडावन मार से लेकर हडुआ तक सड़क का काम किया जा रहा हैं जिसमें मड़ावन के पास पुलिया निर्माण का कार्य किया जा रहा हैं। जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया हैं कि निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा मानक को दरकिनार कर घटिया किस्म कि बडी-बडी गिट्टी, काली मिट्टी वाली क्रेशर डस्ट (रेट), सीमेंट का कम मात्रा में डाल कर किया जा रहा हैं इतना ही नहीं क्षतिग्रस्त पुंगा डाल रहे हैं बिना वायोबेटर धसाई की जा रही हैं। ठेकेदारों द्वारा खुलेआम धड़ल्ले से घटिया निर्माण कराकर लीपापोती कर सरकारी धन का दुरुप्रयोग करने का काम किया जा रहा हैं। निर्माण कार्य को देखते हुए आशंका है पांच साल की गारंटी वाला पुल पांच महीने भी नहीं टिक पाएगी। पुलिया निर्माण में जमकर मनमानी की जा रही है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारी जांचकर कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। जिसके कारण ठेकेदार गुणवत्ताहीन निर्माण सामाग्री का उपयोग कर रहे है।
कोई जानकारी नहीं साइन बोर्ड भी हैं गायब
सड़क, पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। प्रारंभ करने से पहले कार्य स्थल में सूचना पटल लगाया जाता है, लेकिन विभाग द्वारा यहां निर्माण कार्य से संबंधित कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि कोई भी शासकीय कार्य प्रारंभ करने से पहले वहां पर कार्य का नाम, सड़क की लंबाई, प्रशासनिक स्वीकृति राशि, अनुबंधक का नाम, अनुबंध क्रमांक, दर, कार्य प्रारंभ एवं कार्य पूर्ण होने की तारीख, उपअभियंता का नाम एवं मोबाइल नंबर, कार्यपालन अभियंता एवं अनुविभागीय अधिकारी का नाम एवं मोबाइल नंबर की जानकारी प्रदर्शित करना होता है ताकि निर्माण कार्य में पारर्दर्शिता बनी रहे और लोग गड़बड़ी की शिकायत संबंधित अधिकारी से कर सकें। मगर यहां तकनीकी विवरण का कोई भी सूचना पटल नहीं लगाया गया है। सड़क में पुल पुलिया, सड़क का कार्य चल रहा है। सड़क निर्माण कार्य के बारे ग्रामीणों को पता ही नहीं कौन से विभाग का है , कितनी लागत राशि से सड़क बन रही है और कहां से कहां तक सड़क बनना है।