
मऊ। जिले में अप्रैल में ही पड़ रही भीषण गर्मी मई-जून का एहसास करा रही है। मार्च में 330 मेगावाट बिजली का लोड था, वहीं अप्रैल के 19 अप्रैल तक यह लोड बढ़ कर 340 मेगावाट तक पहुंच गया है। जिसके चलते आए दिन बिजली फाल्ट की समस्याएं आ रही हैं जिस से ट्रांसफार्मर फुंकने लगे हैं। वहीं वर्कशॉप में भी रोज तीन से चार फुंके हुए ट्रांसफार्मर बनने के लिए आ रहे हैं। फाल्ट के चलते घंटों बिजली गुल हो जाने के चलते लोगों को गर्मी व उमस के चलते एक-एक पल बिताना मुश्किल हो जा रहा है।
बेहतर आपूर्ति के लिए जिले को तीन विद्युत वितरण खंडों में बांटा गया है। जिसमें करीब चार लाख उपभोक्ता जुड़े हुए हैं। अप्रैल में ही मई-जून जैसी तपिश और लू के थपेड़ों से लोगों का बुरा हाल है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। आसमान से बरसती आग ने घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। दोपहर में सड़कें सुनसान होती जा रही हैं। लोग जरूरी कार्य से बाहर निकल रहे हैं। युवतियों, महिलाओं के साथ पुरुष भी मुंह बांधकर निकल रहे हैं। ऐसे में गर्मी के मौसम में बिजली की खपत बढ़ती ही जा रही है। आए दिन फाल्ट से घंटों बिजली गुल रह रही है। वहीं वर्कशॉप में भी रोज तीन से चार ट्रांसफार्मर फुंकने के बाद बनने के लिए आ रहे हैं। हालांकि वर्कशॉप में एडवांस में अलग-अलग क्षमता के 300 ट्रांसफार्मर बैकअप के रूप में सुरक्षित रखे हैं। बिजली का लोड बढ़़ने से दिन और रात के समय बिजली अप डाउन होने तथा फाल्ट के चलते घंटों बिजली गुल हो रही है। विद्युत विभाग के आला अधिकारी व्यवस्था नियंत्रण में होना बताकर मामले से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।
ब्रेकर बदलने से 12 मुहल्लों में नौ घंटे ठप रही बिजली
नगर में स्थित 33/11 ओल्ड पावर हाउस विद्युत उपकेंद्र में शुक्रवार को नए ब्रेकर लगाने के चलते एक दर्जन मुहल्लों में नौ घंटे विद्युत आपूर्ति बाधित रही। इसके चलते लोगों को गर्मी व उमस के चलते एक-एक पल बिताना मुश्किल हो रहा था। नगर स्थित 33/11 ओल्ड पावर हाउस विद्युत उपकेंद्र का ब्रेकर काफी पुराना हो गया था। विभाग से विद्युत उपकेंद्र का नया ब्रेकर लगाए जाने के चलते सुबह नौ बजे से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसके चलते भीटी, निजामुद्दीनपुरा, गालिबपुर, सदर चौक, संस्कृत पाठशाला, हट्ठीमदारी, हरिकेशपुरा, क्यारीटोला सहित 12 से अधिक मुहल्लों की विद्युत आपूर्ति बाधित रही। नौ घंटे बिजली गुल रहने से लोगों को शुद्ध पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा।
ज़ियाउल हसन अंसारी, मण्डल ब्यूरो
वाराणसी आजमगढ़ मण्डल