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दक्षिण शहडोल वन विभाग में निमुहा के फॉरेस्ट के अधिकारी एवं बहगढ़ के फॉरेस्ट के कर्मचारी ले रहे तीनो क्षेत्र से रेत एवं बिना टी.पी के लकड़ी निकलवाने की एंट्री

*दक्षिण शहडोल वन विभाग में निमुहा के फॉरेस्ट के अधिकारी एवं बहगढ़ के फॉरेस्ट के कर्मचारी ले रहे तीनो क्षेत्र से रेत एवं बिना टी.पी के लकड़ी निकलवाने की एंट्री वरिष्ठ अधिकारियों तक मामला पहुंचने से पहले ही एंट्री का हो जाता है बंदर बांट*

*शहडोल. शहडोल जिले से बड़ी खबर है दक्षिण शहडोल फॉरेस्ट विभाग में निमुहा के अधिकारियों के सहयोग से इन दिनों हर अवैध गतिविधियों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है निमुहा में से कई गाड़ियां अवैध लकडियों से लोड होकर जगह-जगह पहुंचती है लेकिन बीट अधिकारियों को कुंभकरण की निद्रा में सोए रहने से नहीं लगती है भनक और लकडियां निमुहा बीट के सरहद से पार हो जाती है*
*कार्यवाही करना नहीं चाहते या कार्रवाई नहीं करने के लिए मोटी रकम ली जाती है और अगर नहीं ली जाती है तो कार्रवाई अब तक क्यों नहीं किया गया रोजाना देखा जाता है कि 50-100 गाड़ी क्षेत्र से लकड़ी की गाड़ियां निकलती है लेकिन कार्यवाही के तौर पर केवल यहां से नहीं निकलती यही बस जानकारी दी जाती है और लोकल स्तर में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बड़े पैमाने में निमुहा बीट क्षेत्र से बिना टी.पी के गाड़ियां दौड़ रही है और पंड़खुरी में रेत की गाड़ियां लगातार दौड़ते जा रही है बाकायदा इनफॉरमेशन के लिए चुनिंदा रेत माफिया के द्वारा अच्छे संबंध साबित करने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ वफादारी करते दिखते हैं*
*रात्रि कालीन नहीं रहते हैं अधिकारी ऑफिस में मिली जानकारी के अनुसार पास में ही निवास स्थान रहने के कारण छोटे स्तर के कर्मचारी को रात में रुका दिया जाता है और जैसे ही जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की खबर मिलती है तो मौके पर जल्द से जल्द पहुंचाने की पूरी तरह प्रयास करते हैं और जंगल के अधिकारियों को डायलॉग इस्तेमाल पहनाने का नुस्खा मिला हुआ है कि अभी हम जंगल में है अगर जी.पी.एस लोकेशन से समय और लोकल फोटोग्राफी की जाए तो कई अधिकारी हो सकते हैं सस्पेंड घर में बैठकर पुरानी फोटो कलेक्शन करके बताते हैं कि हम ड्यूटी में हैं ऐसी नौकरी करने वाले अधिकारियों की वजह से आज धीरे-धीरे जंगल खत्म होते जा रहे हैं मध्य प्रदेश सरकार जंगल बचाने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करती है लेकिन निमुहा के अधिकारी अपनी जेब भरने के लिए पूरी ईमानदारी से अपने कार्य को अहमियत नहीं देते हैं जिससे माफिया के हौसले बुलंद लगातार होते आ रहे हैं लोकल मैनेजमेंट का सिस्टम होता है मजबूत*

*पोल खोल…*

*मिली जानकारी के अनुसार रेत माफिया के साथ मधुर संबंध होने के कारण पूर्व में रेत माफिया की गाड़ी केशवाही चौकी क्षेत्र में पकड़ी गई थी जिसको छुड़ाने के लिए फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों ने अपनी अहम भूमिका दिखानी चाहि थी लेकिन पुलिस थाने के आगे किसी कि नहीं चलती यह जन सेवक ने बता ही दिया था कर्तव्य और निष्ठा का पालन करते दिखे थे पुलिस विभाग के अधिकारी ने रेत माफिया पर ताबड़तोड़कर कार्यवाही किया गया था*

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