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जब एक सीट पर चुने जाते थे दो-दो सांसद

जब एक सीट पर चुने जाते थे दो-दो सांसद

ब्यूरोचिफ़ नन्दगोपाल पाण्डेय सोनभद्र

15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली तो पहली बार 1952 में आम चुनाव कराया गया। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चुनाव कराया गया। उस दौर में एक सीट पर दो-दो सांसद चुने गए। यह क्रम 1957 के चुनाव तक जारी रहा। जब 1962 में अलग लोकसभा सीट बनी तो यह व्यवस्था समाप्त करके एक सीट से एक सांसद का चुना जाना शुरू हो गया। तब से अब तक यहीं क्रम चल रहा है। उस दौर में
.जब एक सीट पर चुने जाते थे दो-दो सांसद

उस समय मीरजापुर जनपद का हिस्सा था सोनांचल का इलाका

भदोही-मीरजापुर के नाम से बनी थी निचले सदन की सीट

1962 में पहली बार अस्तित्व में आया राब‌र्ट्सगंज लोस क्षेत्र ।15 अगस्त 1947 को जब अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली तो पहली बार 1952 में आम चुनाव कराया गया। यह चुनाव लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत हुआ। उस दौर में एक सीट पर दो-दो सांसद चुने गए। यह क्रम 1957 के चुनाव तक जारी रहा। जब 1962 में अलग लोकसभा सीट बनी तो यह व्यवस्था समाप्त करके एक सीट से एक सांसद को चुना जाना शुरू हो गया। तब से अब तक यही क्रम चल रहा है। उस दौर में सोनभद्र मीरजापुर जिले का ही हिस्सा था।

आजादी के बाद हुए पहले आम चुनाव में भदोही-मीरजापुर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी ने जेएन विल्सन और आरके नारायण को उम्मीदवार बनाया। दो बैलों की जोड़ी चुनाव चिह्न लेकर पहली बार आम जनता के बीच चुनावी प्रचार हुआ। मतगणना हुई तो कांग्रेस के दोनों उम्मीदवार जीत गए। उस समय 1951 में हुए परिसीमन के मुताबिक छानबे, मझवां, चुनार, राब‌र्ट्सगंज, दुद्धी, मीरजापुर और भदोही विधानसभा क्षेत्र शामिल था। यह क्रम 1957 के चुनाव तक रहा। इस चुनाव में भी जेएन विल्सन व आरके नारायण ही चुनाव जीते। इसके बाद 1962 के चुनाव से पहले नया परिसीमन हुआ और राब‌र्ट्सगंज संसदीय सीट बनी। पूर्ण रूप से अस्तित्व में आई इस सीट के पहले सांसद कांग्रेस के रामस्वरूप बने। इन्होंने दो बैलों की जोड़ी, गाय और बछड़ा जैसे चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ा और हैट्रिक लगाई। दो सांसद लगा चुके हैं हैट्रिक

राब‌र्ट्सगंज संसदीय सीट से वैसे तो 1952 से लेकर अब तक कुल 18 बार लोकसभा के चुनाव हुए। इनमें सांसद चुने गए कुल 12 लोग। इन 12 लोगों में से दो लोगों ने तीन-तीन बार चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाई। पहला हैट्रिक लगाने वाले कांग्रेस के रामस्वरूप रहे। उन्होंने 1962, 1967 व 1972 के चुनाव में जीत हासिल की। इसी तरह भाजपा के रामशकल 1996, 1998 व 1999 में चुनाव जीता और हैट्रिक लगा

अब तक के सांसद
वर्ष नाम पार्टी

1952 जेएन विल्सन कांग्रेस

आरके नारायण कांग्रेस

1957 जेएन विल्सन कांग्रेस

आरके नारायण कांग्रेस

1962 रामस्वरूप कांग्रेस

1967 रामस्वरूप कांग्रेस

1971 रामस्वरूप कांग्रेस

1977 शिवसंपत राम जनता पार्टी

1980 रामप्यारे पनिका कांग्रेस

1984 रामप्यारे पनिका कांग्रेस

1989 सुबेदार प्रसाद भाजपा

1991 रामनिहोर जनता दल

1996 रामशकल भाजपा

1998 रामशकल भाजपा

1999 रामशकल भाजपा

2004 लालचंद्र कोल बसपा

2007 भाईलाल कोल बसपा

2009 पकौड़ी लाल कोल सपा

2014 छोटेलाल खरवार भाजपा

2019 पकौड़ी लाल कोल अपना दल गठबंधन भाजपा

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