
भटपुरवा रेटीकला स्थिति उत्तराभिमुखी अष्टसिद्धि संकट मोचन बाल हनुमान जी के प्रांगण में चल रहे नव दिवसीय
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
श्रीरामचरितमानस नवान्हपारायण महायज्ञ एवं श्रीराकथा के पंचम दिवस में (छत्तीसगढ़ पीठाधीश्वर) अनन्त श्रीविभूषित श्रीमज्जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री ब्रह्मदेवाचार्य जी महाराज ने अपनी अमृतमयी वाणी से सभी भक्तों को केवट प्रसंग सुनाया
स्वामी जी ने केवट जी की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि बिना अनुराग के भगवान की प्राप्ति नहीं हो सकती भगवत शरणागति के लिए मनुष्य को जाति और विद्या के अभिमान का सर्वथा त्याग करना चाहिए।
वहीं काशी से आये स्वामी दामोदरदास जी ने भी केवट महिमा को सुनाया।
श्री अयोध्या जी पधारे स्वामी श्री श्यामनारायणाचार्य जी महराज ने राम जी के धैर्य त्याग का सुन्दर वर्णन किया।
यज्ञाचार्य-अमरेश चंद मिश्र जी के सन्निधि में पंचम दिवस का पाठ सम्पन्न कराया गया
हरिकथा में संत समागम भी हुआ जिसमे बर्फानी बाबा के शिष्य पुज्य संत श्री कृष्णदास जी महराज रायसेन मध्य प्रदेश, मौनी बाबा योगी प्रयाग गिरी जी महराज, अघोरी संत नागेश्वर बाबा जी महराज, वैरागी संत उदलदास जी महराज, श्री धर्मदास जी फक्कड बाबा सहित अन्य सन्त मौजूद रहे क्षेत्रवासीय धन्य धन्य हुए। इस अवसर पर हजारो की संख्या मे भक्तगण मौजूद रहे।