नरेश सोनी हजारीबाग संवाददाता
जीएम संध्याकालीन महाविद्यालय के द्वारा शैक्षणिक भ्रमण
हजारीबाग जीएम संध्याकालीन महाविद्यालय इचाक, हजारीबाग के द्वारा बीए समसत्र 6 भूगोल विभाग के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भ्रमण कराया गया, जिसमे महाविद्यालय के सचिव शंभू कुमार ने विद्यार्थियों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। मां छिन्नमस्तिका मंदिर रजरप्पा में सभी विद्यार्थियों ने वहां के पर्यावरणीय सर्वेक्षण के दौरान जाना की दामोदर नदी और भैरवी नदी का संगम स्थल रजरप्पा है। भूगोल विभाग के शिक्षक दीपेंद्र कुमार ने सभी विद्यार्थियों को बताया की दामोदर नदी का उद्गम स्थल छोटनगपुर पठार के खमरपत पहाड़ी से होता है। दामोदर नदी की कई सहायक नदियां और उपसहायक नदियां जैसे बराकर,कोनार,हाहारो,जमुनिया,घरी, गुइया,खड़िया,और भेरा।
दामोदर और बराकर छोटा नागपुर पठार को विभाजित करते है। पर्यावरण को संतुलित रखने और संरक्षण के लिए हमारे जीवन में कितना महत्व रखता है। इस भीषण गर्मी में पेड़-पौधा नदी और पहाड़ों का कितना महत्व अभी समझ में आ गया होगा,इसलिए पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए प्रत्येक वर्ष एक मनुष्य को अधिक से अधिक पेड़-पौधों को लगाना चाहिए और नदी एवं पहाड़ों का संरक्षण करना बहुत जरूरी है। विभागीय शिक्षक संजीत कुमार ने पतरातु डैम,घाटी और कल कारखाना की विशेषता और कल कारखाना से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी विद्यार्थियों को दिए, जो कल कारखाना से निकलने वाला गंदा पानी धुवां वेस्टेज सामग्री जो इधर-उधर फेंक दिया जाता है उससे होने वाला नुकसान से हम जैसे मानव जाति एवं पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है इसकी परख हम सभी मनुष्य को नहीं है। वायु प्रदूषण, कचरे का प्रबंधन नही करना,बढ़ रहा पानी की कमी,गिरते भूजल का संग्रहण नही करना,जल प्रदूषण और वनों की गुणवत्ता,जैव विविधता के नुकसान और मिट्टी का क्षरण प्रमुख पर्यावरणीय मुद्दा वर्तमान समय में बना हुआ है। इन सभी समस्याओं का समाधान पर्यावरण को संतुलित रखने में ही है। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार, नीलिमा कुजूर एवं सभी विद्यार्थियों का भरपूर सहयोग रहा।