विस्थापितो के पुनर्वास को लेकर वार्ता रही सफल, निवास के लिए दिया जाएगा पट्टे की जमीन, सरकारी योजनाओं का भी मिलेगा लाभ
मंडल ब्यूरो चीफ चंद्रजीत सिंह की रिपोर्ट
ओबरा तापीय परियोजना के विस्तार की जद में आए निवास करने वाली गरीब जनता को भी विस्थापित किया गया। लेकिन इनको रहने की शासन स्तर से कोई व्यवस्था न होने से बड़ी आर्थिक संकट के साथ निवास की समस्या होने लगी थी। कई बार तापीय परियोजना के अधिकारियों के आश्वासन पर भी बात बनता न देख आज विस्थापित की जद में आने वाले सैकड़ों विस्थापित ओबरा थाने में शासन स्तर की वार्ता में शामिल हुए। जहां विस्थापितों ने अपनी बात रखी और वार्ता के दौरान एडीएम सहदेव मिश्रा द्वारा उनकी कई मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। जिसपर विस्थापित परिवार के लोग सहमत हो गए।
विस्थापित पंकज गौतम के नेतृत्व में वार्ता के दौरान यह बात हम लोग के द्वारा कही गई कि जब तक इनको सीलिंग या पट्टे की जमीन का हस्तांतरण नहीं हो जाता तब तक उनकी आवास को जैसे है वैसे छोड़ दिया जाए। 15 अगस्त तक जांच कर पट्टा करने की बात कही गई। अगर विलंभ होता है तो एक महीने का और समय परियोजना द्वारा दिया जाएगा। विस्तारित क्षेत्र की जद में आने वाले 500 विस्थापित परिवार है। आजीविका की बात पर वार्ता के दौरान आश्वासन मिला कि जैसे ही इनको पट्टा दिया जाएगा। उसे दौरान जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं जिससे यह लोग वंचित हैं वृद्धा पेंशन से लेकर राशन कार्ड जैसी सरकारी योजनाओं गवर्नमेंट द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी इनको रोजगार के लिए भी विशेष ध्यान दिया जाएगा परियोजना में नौकरी दिया जाए।
वही एडीएम सहदेव मिश्रा ने कहा कि ओबरा तापीय परियोजना का जो डी प्लांट लगना है। उसके विस्तारीकरण का काम होना है और जिन कास्तकारों का जमीन विस्तारीकरण में लिया गया है। उनको पुनर्वास के लिए वार्ता के दौरान समस्या सुनी गई और इस बात का निर्णय लिया गया कि विस्थापितों को पुनर्वास व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। परियोजना की जमीन पर 40 से 50 वर्षों तक निवास करने वाले परिवारों का कहना है कि उनको अन्य जगह रहने के लिए निवास स्थान दिया जाए। जिनके पास कोई भी रहने का साधन नहीं है। उनको पट्टा दिलाने का काम किया जाएगा और अन्य योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाएगा और इन सब बातों पर सभी लोग सहमत हो गए हैं।