दहेज हत्या मामले में,सास-ससुर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
शिकायतकर्ता को भी कोर्ट ने जारी की है नोटिस
दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर प्रियंका की हत्या करने का है आरोप
सोनभद्र। दहेज हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व न्यायमूर्ति सैयद कमर हशन रिजवी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सास-ससुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता ओपी पाल के जरिए एफआईआर के विरुद्ध दाखिल की गई याचिका पर कोर्ट ने दिया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता को भी कोर्ट ने नोटिस जारी किया है।
बता दें कि 12 जून 2024 को घोरावल थाने में दी तहरीर में रामकिसुन पुत्र बलदेव निवासी खोरडीह चंदनपुर, थाना राजगढ़, जिला मिर्जापुर ने अवगत कराया था कि उसने अपनी पौत्री प्रियंका पुत्री राजबली की शादी 4 वर्ष पूर्व रमेश पुत्र कल्लू निवासी वीरकला, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही पति रमेश, सास इंद्रावती व ससुर कल्लू द्वारा पौत्री प्रियंका को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। कई बार ससुराल वालों को समझाया गया, लेकिन उनके ऊपर कोई असर नहीं हुआ। बल्कि कुछ दिन शांत रहने के बाद पुनः मारपीट करने लगते थे। बावजूद इसके पौत्री प्रियंका सबकुछ बर्दाश्त करती रही। अपनी एक वर्ष की छोटी बच्ची के लिए प्रियंका 10 जून 2024 को रात्रि में अपनी बहन के यहां फोन की थी और बताई थी कि उसका पति, सास और ससुर उसे मारपीट रहे हैं और जान मारने की धमकी भी दे रहे हैं। प्रियंका फोन पर बात करते समय रो रही थी और काफी डरी हुई थी। प्रियंका के ससुराल के गांव के किसी व्यक्ति ने फोन करके बताया कि प्रियंका की मौत हो गई है। यह फोन सुबह 5 बजे आया तो सुनकर स्तब्ध रह गया। इसके बाद गांव घर के लोगों को साथ लेकर वीरकला पहुंचा तो देखा कि प्रियंका की हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं उसे आत्महत्या की शक्ल देने की कोशिश ससुराल वालों द्वारा की जा रही थी। जबकि प्रियंका के पैर में बांधने के निशान थे। इस घटना की सूचना ससुराल वालों द्वारा न तो हमलोगों को और न ही पुलिस को सूचना दी गई। बल्कि हमलोगों के पहुंचने के बाद किसी ने पुलिस को सूचना दे दिया। तब जाकर अंतिम संस्कार को पुलिस ने रोकवा दिया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। पुलिस आरोपी सास इंद्रावती और ससुर कल्लू की गिरफ्तारी करने की फिराक में पड़ गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए अधिवक्ता के जरिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के एडवोकेट ओपी पाल ने जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए गवाहों के बयान पेश किए हैं, जिससे पता चलता है कि दहेज की मांग केवल मृतिका के पति द्वारा की गई थी। 22 अगस्त 2024 को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सास इन्द्रावती और ससुर कल्लू की गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है। वहीं शिकायतकर्ता को भी नोटिस जारी किया है।गांधी पार्क में स्थापित कराई जाए ग्रामवासी जी की प्रतिमा: दीपक केसरवानी
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
ग्रामवासी जी की 150वीं जयंती पर चोपन ग्रामवासी सेवा आश्रम में उठी मांग
सोनभद्र। स्वाधीनता के पश्चात देश में पहली बार हुए आम चुनाव में दुद्धी-रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र (संयुक्त) विधानसभा के प्रथम विधायक, अंग्रेजों के जोर,जुल्म अत्याचार, कुर्की, नीलामी, मिर्जापुर सहित अन्य जनपदों के जेलों में साढ़े तीन वर्ष कारावास की सजा भोगने वाले, निडर, निर्भीक,प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देशभक्त, पत्रकार, ग्रामवासी साप्ताहिक समाचार पत्र के संस्थापक, संपादक ब्रजभूषण दास मिश्र “ग्रामवासी”की 150 वी जयंती ग्रामवासी सेवा आश्रम चोपन के प्रांगण में मनायी गयी। इस अवसर पर ग्रामवासी जी की प्रतिमा कलेक्ट्रेट स्थित गांधी पार्क में स्थापित करने की पुरजोर मांग उठाई गई।
ग्रामवासी जी की सुपुत्री शुभांश मिश्रा को इतिहासकार/स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिजन दीपक कुमार केसरवानी ने केंद्रीय हिंदी निदेशालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित कृति “भारतीय संस्कृति में सूर्य उपासना” भेंट कर दीर्घायु जीवन की कामना किया।
श्री केसरवानी ने कहा कि-“ग्रामवासी दादा सोनभद्र के विकास पुरुष, असहयोग आंदोलन 1942 में मिर्जापुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कालांतर में मिर्जापुर जनपद के द्वितीय जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में इन्होंने इस क्षेत्र के विकास का कार्य किया। साथ ही साथ मेरे पूर्वज मिर्जापुर जनपद के प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (अहरौरा नगर) के निवासी बद्री प्रसाद ‘आजाद’,ज्वाला प्रसाद, जगन्नाथ प्रसाद, वृंदा प्रसाद, गौरी शंकर, श्री राम, रॉबर्ट्सगंज से बलराम दास केसरवानी ग्रामवासी दद्दा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया था। मुझे भी 1996 में जब जनपद सोनभद्र का मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज से पिपरी में उद्घाटित हो गया था, उस समय ग्रामवासी जी द्वारा सरकार के खिलाफ छेड़े गए व्यापक आंदोलन में सम्मिलित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ था।
उन्होंने मांग किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोनभद्र जनपद के कलेक्ट्रेट में स्थापित गांधी पार्क में ग्रामवासी जी की आदम कद की प्रतिमा एवं जनपद सोनभद्र के 112 सेनानियों के नाम की सूची, सोनभद्र में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान घटी घटनाओं का विवरण प्रस्तर स्तंभ पर उत्कीर्ण कराया जाना चाहिए।