खबर नगर निगम सहारनपुर से जुड़ी
*तुम्हारी भी जय जय, हमारी भी जय जय, न तुम हारे न हम हारे*
*वाह रे निगम तेरे खेल निराले*
लड़ाई अधिकारी पार्षद के मध्य, चप्पल पार्षद ओर अधिकारी के बीच दिखाई गई, वाद विवाद पार्षदों ओर अधिकारी के मध्य हुआ, लेकिन मुकदमा ठेकेदारों के विरुद्ध, क्या समय आ गया करे कोई, डरे कोई, भरे कोई, गलती किसी की मुकदमा किसी पर
*अपनी अपनी पीठ थपथपाते नेताओ के बीच अब भोली भाली जनता एक बार फिर पीसने को तैयार, अब विवाद के कारण बेचारा विकास फिर इंतज़ार करेगा।*
सहारनपुर: क्या खूब गाना लिखा है आज के परिपेक्ष्य में बिल्कुल फिट बैठता है, पिछले दिनों पार्षद अधिकारी विवाद में चप्पल प्रकरण की गूंज सुनाई दी, अधिशासी अधिकारी को उनके कार्यालय में पार्षदों द्वाराबचप्पल दिखाई गई जिस पर अधिकारियों की तहरीर पर तीन पार्षदों व 30 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा लिखने के बाद मामला गर्म गया और पार्षद भी महापौर डॉ अजय सिंह के नेतृत्व में एकत्र हो गए और अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा लिखवाने की मांग पर अड़ गए परन्तु लोक निर्माण मंत्री कुंवर बृजेश सिंह ने अधिकारी के विरुद्ध मुकदमा लिखवाने से स्पष्ट इनकार कर दिया गया बताये जाने के बाद सामूहिक गिरफ्तारी की रूप रेखा तैयार हुई परन्तु क्षेत्रीय अध्यक्ष के आश्वासन पर पार्षद 3 दिन के लिए रुक गए जिस पर 6 सितंबर की रात्रि 11 बजे नीरज कुमार पार्षद पति की तहरीर पर ठेकेदारों के विरुद्ध अपराध संख्या 234/2024 बीएनएस की धारा 191,115,352,351(2),3(1)द,3(1)घ, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति नृशंषता अधिनियम 20145 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जिसमे दिखाया गया कि पार्षद गण अधिकारी से वार्ता करने गये ओर हल्के वाद विवाद के बाद बाहर आते ही कुछ नामजद ठेकेदारों ने उनके साथ गली गलौच की व जाति सूचक शब्द कहे, अब प्रश्न यह खड़ा होता है कि झगड़ा आखिर हुआ किसके बीच था पार्षदों ओर अधिकारी के मध्य, चप्पल कार्यालय में पार्षदों ने दिखाई, अधिकारी की तरफ से मुकदमा कायम हुआ, फिर एक पार्षद द्वारा ठेकेदारों के विरुद्ध मुकद्दमा कायम कराया गया, अब एक बात तो स्पष्ट है कि कई लम्बा झोल है राजनीतिक रूप से संगठन में खींची अदृश्य तलवारे म्यान से बाहर आने के बाद खूब चली और राजनीतिक पंडितों की माने तो स्पष्टया इस घटनाक्रम के माध्यम से महापौर का कद घटाने का भी पूरा प्रयास किया जा रहा है, वही महापौर डॉ अजय सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कराना किसी भी नागरिक का मौलिक अधिकार है जांच में परिणाम कुछ भी हो परन्तु यहां मुकद्दमे भी भारोत्तोलन प्रतियोगिता चली, जुर्म किसी ने किया, मुल्ज़िम कोई और, मुकदमा किसी ओर पर आखिर इतना तो तय है कि इन घटनाओं की पुनरावर्त्ति अब दोबारा भी हो सकती है, लेकिन मुकदमो में दर्ज हुई देरी ओर राजनीतिक हस्तक्षेप न स्पष्ट कर दिया कि आने वाले समय मे राजनीति का भी स्वरूप बदलेगा किसी का कद घटेगा ओर किसी का बढ़ेगा, यही नही यह कद घटाने, बढ़ाने की परंपरा की निर्वहन अब ऊपरी स्तर तक होने की संभावना है। इतना अवश्य है कि इस पार्षद अधिकारी ठेकेदार व निगम के विवाद में विकास तो भूल ही जाइये, आम नागरिक पहले सिर पिसता था अब रोयेगा भी ऐसा प्रतीत होने लगा है, क्योकि अब सबको अपना कद, अपनी ताकत पता चल चुकी है, इसीलिए कहा गया कि तुम्हारी भी जय जय, हमारी भी जय जय, न तुम हारे न हम हारे।
रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर