मूंगफली की फसल में पत्ती झुलसा रोग का प्रकोप देखा रहा है
किसान भाई इसके बचाव हेतु 1.0 ग्राम टेबुकोनाज़ोल दवा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें
संवाददाता दित्यपाल राजपूत
टीकमगढ़ आगामी 4 दिनों के दौरान मौसम आमतौर पर शुष्क तथा आसमान में आंशिक बादल छाये रहने की संभावना है। दिन का अधिकतम तापमान 33 से 34 डि.से. तथा रात का न्यूनतम तापमान 20 से 21 डि.से. के बीच रहने की संभावना है। हवा की गति औसत गति 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। आनेवाले 4 दिनों के दौरान मौसम आमतौर पर शुष्क तथा आसमान में आंशिक बादल छाये रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किसान भाई तैयार फसलों की शीघ्र कटाई करें तथा कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान में रखें।
तिल की फसल में पत्ती धब्बा और काले डंठल रोग के आक्रमण की सूचना है, इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसलों की नियमित निगरानी करें; यदि पाया जाये तो इसके नियंत्रण के लिए मैंकोजेब 1.5 किलोग्राम दवा को 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर, आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें। धान की फसल में तना भेदक कीट देखा जा रहा है। अतः किसान भाई फसल का निगरानी करें तथा पाये जाने पर कार्टैप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रतिशत जीआर 15 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
सोयाबीन की फसल में गर्डल वीटिल का प्रकोप देखा जा रहा है, अतः किसान भाई फसल का निगरानी करें तथा पाये जाने पर इसके नियत्रण हेतु, थियामेथॉक्सम (12.6 प्रतिशत) $ लैम्ब्डा-साईहेलोथ्रीन (9.5 प्रतिशत) जेडसी, दवा की 1.0 मिली लीटर मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर, आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें। जिन किसान भाईयों की टमाटर, बैंगन, मिर्च, फूलगोभी व पत्तागोभी की पौध तैयार है, वे इस सप्ताह रोपाई उथली मेड़ों पर क्यारियों में करें।
आगामी 4 दिनों के दौरान मौसम आमतौर पर शुष्क तथा आसमान में आंशिक रूप से बादल छाये रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, किसान भाई हरी सब्जियों जैसे-अगेती मूली, मेंथी, पालक, साग हेतु सरसों, हरे पत्ते के लिए धनिया तथा शलजम के बुआई हेतु खेतों की तैयारी करें। वर्षा से प्राप्त नमी को ध्यान में रखते हुए, गेंदे के फूल की उन्नतिशील प्रमाणित बीजों जैसे- पूसा नारंगी, पूसा बसंती इत्यादि की नर्सरी तैयार करें।इस समय मिर्च, टमाटर एवं बैंगन में रस चूसक कीट लगने की सम्भावना हो सकती है।
किसान भाई फसल का निरीक्षण करें तथा पाये जाने पर इसके नियंत्रण के लिए ट्राइजोफॉस 750 से 800 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर मौसम साफ रहने पर छिड़काव करें। पशुओं के चारे हेतु बरसीम की बुआई की तैयारी करें। गौशाला में मक्खी व मच्छरों से बचाने हेतु साफ-सफाई का बिशेष ध्यान रखें साथ ही साथ नीम की पत्तियों का धुआं करें।