सरलता, सहजता एवं प्रमुखता से बोली जाने वाली भाषा है हिंदी-आयुक्त श्रीमती सुमन कैथरीन किस्पोट्टा

नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
हजारीबाग।

सरलता, सहजता एवं प्रमुखता से बोली जाने वाली भाषा है हिंदी-आयुक्त श्रीमती सुमन कैथरीन किस्पोट्टा
विश्व में अधिकांश बोली जाने वाली भाषा है हिंदी जिसे हम अंतरराष्ट्रीय भाषा भी कह सकते हैं: विजयकांत घर दुबे

एक सूत्र में बांधने का काम करती है :श्री आनन्द

कार्यक्रम में पुस्तक गुड़िया तो बहुते मुरख है का किया गया विमोचन

हजारीबाग: हिंदी न सिर्फ हमारी आधिकारिक भाषा है बल्कि यह सभी भारतवासियों के लिए अस्मिता का प्रतीक है। हम सब प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। हम सभी के जीवन में हिंदी का खास महत्व है, किसी ने हिंदी में बोलने की शुरुआत की तो किसी ने हिंदी का माहौल न होते हुए भी पूरी लगन और मेहनत से उसे सीखा। आज भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व हिंदी के प्रति प्रेम दिखा रहा है जिसे आप सोशल मीडिया में भी देखते होंगे। आज हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि फिजी, अमेरिका, नाइजीरिया और चीन जैसे देश के लोग भी हिंदी को धाराप्रवाह तरीके से बोलते हैं। साथ ही उन्हें हिंदी बेहद पसंद आ रही है हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा देश कविताओं का देश है और यही कारण है कि हिंदी आज राजभाषा है जो हमारी एकता और अखंडता का प्रतीक है। उपरोक्त बातें प्रमंडलीय आयुक्त ने प्रमंडलीय सभागार में आयोजित हिंदी दिवस सप्ताह समारोह में कहीं। राजभाषा कार्यालय, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल हजारीबाग के तत्वाधान में 20 सितंबर 2024 को आयुक्त कार्यालय सभाकक्ष में अपराहन 3:00 बजे से “हिंदी दिवस समारोह” आयोजित की गई। कार्यक्रम की विधिवत शुरूवात प्रमंडलीय आयुक्त श्रीमती सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, मुख्य अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष स्नाकोत्तर हिंदी विभाग डॉ विजयकांत घर दुबे, उपनिदेशक सूचना एवं जनसंपर्क श्री आनन्द संग अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

हिंदी का भविष्य उज्जवल, देश के मंथन गतिशील गंगा की तरह आगे बढ़ रही हिंदी*
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिंदी के विद्वान विजयकांत दुबे ने भाषा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए कहा कि हिंदी भाषा संसार के तीन महत्वपूर्ण बोले जाने वाली भाषाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि दुनिया में हिंदी भाषा वैसी भाषा है जो पूरे विश्व में सबसे अधिक बोली जाती है। इस संदर्भ में हम इस भाषा को अंतर्राष्ट्रीय भाषा भी कह सकते हैं। उन्होंने अपने कथन में सभाजनों को राष्ट्रीय भाषा एवं राजभाषा के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि राजभाषा दूसरे देश के भी भाषा हो सकती है परंतु राष्ट्रभाषा सिर्फ एक राष्ट्र की भाषा हो सकती है। उन्होंने कहा देश के मंथन गतिशील गंगा की तरह हिंदी आगे बढ़ रही है जिससे आने वाले समय में इसका भविष्य उज्जवल है।

इस अवसर पर उपनिदेशक जनसंपर्क श्री आनन्द ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की हिंदी एक ऐसी भाषा है जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। अपनी भाषा के प्रति हमें कभी भी हिचकिचाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए है। संचार के साधनों में विकास के साथ साथ हिंदी ने भी उत्तरोत्तर तरीके की हैं।

हिंदी दिवस कार्यक्रम में डाॅ. प्रमिला गुप्ता की पुस्तक “गुड़िया तो बहुते मुरख है” का विमोचन आयुक्त महोदया के द्वारा किया गया।

उक्त समारोह में डॉ भुनेश्वर महतो, प्रोफेसर मार्खम कॉलेज गोपाल शरण पांडे, शिक्षिका प्रमिला गुप्ता, संत कोलंबा के प्राध्यापक शत्रुघ्न पांडे, कार्यालय पदाधिकारीगण, कर्मचारीगण एवं सामान्यजन शामिल हुए।

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