अमित ओझा की रिपोर्ट
क्या होता है सूर्य ग्रहण
खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण की खगोलीय घटना घटित होती है, जिस कारण से धरती पर आने बाला सूर्य का प्रकाश कुछ देर तक बाधित हो जाता है, जिसे खगोल विज्ञान की भाषा में एकलिपसाइड कहा जाता है, सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं १ पूर्ण सूर्य ग्रहण, २ आंशिक सूर्य ग्रहण, ३ बलयाकार या कंगनाकर सूर्य ग्रहण, ४ हाइब्रिड सूर्य ग्रहण।
आसमान में दिखेगी रिंग ऑफ फायर यह सूर्य ग्रहण बलयाकर सूर्य ग्रहण होगा, यह साल का दूसरा और आख़िरी सूर्य ग्रहण होगा, जिस दौरान रिंग ऑफ फायर की घटना भी दिखाई देगी।
अमर पाल सिंह ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण जोकि एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जोकि आंशिक तौर पर घटित होगा।
क्या भारत में दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण
2 अक्टूबर को होने वाला यह सूर्य ग्रहण को जो लोग भारत में देखना चाहते हैं उन खगोल प्रेमियों को यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा , जब यह ग्रहण होगा तब भारत में रात्रि का समय होगा।
कहां से दिखाई देगा यह सूर्य ग्रहण खगोल विद अमर पाल सिंह ने बताया कि इस सूर्य ग्रहण को प्रशांत महासागर, दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है, वहां के लोग एक चमकदार रिंग ऑफ फायर देख सकेंगे, और दक्षिणी अमरीका में आंशिक रूप से दिखाई देगा।
किस समय दिखाई देगा यह ग्रहण भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात्रि 09:13 PM से 3 अक्टूबर की सुबह 03:17 AM तक रहेगा, अगर आप इसे देखना चाहते हैं तो आपको इंटरनेट पर लाइव देख सकते हैं।
@अमर पाल सिंह, खगोलविद वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामण्डल) गोरखपुर