
शहडोल जिला रिपोर्टर विपिन कुशवाहा
सोहागपुर के ग्राम पंचायत सिरौजा में लाखो रुपए के फर्जी बिल लग रहे, साथ ही पंचायत के द्वारा आलू प्याज जैसे धनिया पाउडर और मिर्चि पाउडर जैसे सामानों का बिल लगाकर पैसा लिया जा रहा हैं। साथ ही पंचायतों में निर्माण कार्यों के नाम पर भी फर्जी बिल लगाकर जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इस ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव के द्वारा केवल कच्चे बिल के माध्यम से सरपंच-सचिव द्वारा राशि निकालकर सप्लायर्स को फिक्स कमीशन देकर बिल लगातार लगाया जा रहा हैं। सप्लायर्स भी कमीशन के लालच में शासन को टैक्स का चूना लगाकर लाखों रुपए का लेनदेन कर रहे हैं। पंचायतों में चल रहे इस फर्जीवाड़े की जांच की जाए तो बड़ा खुलासा हो सकता है। इधर जनपद पंचायत सोहागपुर के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी बिलों के भुगतान में अनदेखी कर किसी तरह की आपित्त ना लेने से शासन को हर माह टैक्स के रूप में मिलने वाली राजस्व की हानि हो रही है।
पंचायतों में बिना जीएसटी की प्रक्रिया को धता बताकर निर्माण कार्यों का भुगतान किया जा रहा है। पंचायतें निर्माण कार्य के बाद ऐसे सप्लायर को बिलों का भुगतान कर रहे हैं । जिनके पास जीएसटी नंबर तक नहीं हैं। सप्लायर्स स्टेसनरी और प्रिंटर्स , अग्रवाल स्टेसनरी तक के ऐसे फर्जी बिल दे रहे हैं। जिसकी पात्रता में वह नहीं आते। हमारे पास कई पंचायतों में निर्माण कार्यों के नाम किए गए भुगतान के ऐसे बिल मौजूद हैं जिनमें लाखों रुपए का भुगतान सप्लायर्स के खातों में किया गया है। पंचायतों में जिस तरह से फर्जी बिलों के माध्यम से राशि निकाली जा रही है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायतों में होने वाला ऑडिट किस तरह से हो रहा है और ऐसे भुगतानों पर ऑडिट में भी कोई आपित्त नहीं ली जा रही है। सोहागपुर जनपद पंचायत के अंतर्गत ऐसे कई मामले हैं जिनमें सरपंच और सचिवों ने राशि निकालने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं कराया।
लग रहे हैं अनगिनत फर्जी बिलों का अंबार
ग्राम पंचायत सिरौजा में किराना- गल्ला, स्टेशनरी, फ़ोटो कॉपी, पिंटर्स का कटर्स का भी बिल लगाने के बाद भी फ़ोटो कॉपी का बिल लगाया जा रहा हैं। जिस बिल को लगा भी रहे हैं तो उसके पास जीएसटी बिल नहीं होने के बाद भी बिल लगाकर पैसा लिया जा रहा हैं। जो कि शासन के साथ लुकाछिपी का खेल खेला जा रहा हैं। न जाने इस तरह की कई बिल ग्राम पंचायतो में लगा कर अच्छी खाशी मोटी कमाई का जरिया बनाये हुए हैं।
भरोसेमंद सप्लायर को ढूंढते हैं सिरौजा सरपंच, सचिव
निर्माण कार्य से पहले सरपंच और सचिव निर्माण सामग्री सप्लाई करने के लिए भरोसेमंद सप्लायर को ढूंढ़ते हैं। जो उनकी सुविधा अनुसार बिल लगाकर दे। उस बिल के आधार पर सप्लायर्स को भुगतान किया जाता है। भुगतान के बाद सरपंच, सचिव राशि वापस ले लेते हैं, क्योंकि कुछ पंचायतों के निर्माण कार्य कागजों में ही पूरे होते है धरातल पर नहीं। इसीलिए हर पंचायत अलग-अलग फर्जी फर्म भी बनाती है।