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हर साल इस अभियान के चलाने के बावजूद लोगों में जागरूकता न आना भी सोचनीय पहलू…

हर साल यातायात के नियमों को लेकर 16 अक्तूबर तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा मनाया जाता हैं जिससे कि वाहन चलाने वालों की जान बचाई जा सके और दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके लेकिन फिर भी हर साल इस अभियान के चलाने के बावजूद लोगों में जागरूकता न आना भी सोचनीय पहलू हैं!हर साल दुर्घटनाओं में इज़ाफ़ा ही नजर आता हैं इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?आज वाहन चलाने वालों में एक आदत सी सुमार हैं कि वह तेज रफ्तार, शराब पीकर गाड़ी चलाना, हेलमेट और सीट बेल्ट की अनदेखी जैसे कारण दुर्घटनाओं के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं!वहीं, सड़क दुर्घटनाओं के लिए सरकार व प्रशासन भी उतना ही जिम्मेदार है,जितने कि वाहन चालक!ठेकेदारों द्वारा प्रयोग घटिया सामान भी खराब सड़कों का बड़ा कारण है!खराब सड़कों के कारण देश में हर एक मिनट में दुर्घटनाएं होती हैं!इसके अलावा सड़कों पर बढ़ते वाहन भी दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं!जब वाहन चालक यातायात नियमों का पालन नहीं करेंगे,नशे में वाहन चलाएंगे,वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करेंगे,तो सड़कें जानलेवा बन ही जाएंगी!वाहन चलाते समय सुरक्षा उपायों, जैसे- हेलमेट, सीट बेल्ट, पॉवर स्टेयरिंग और सड़क सुरक्षा जागरूकता से संबंधित अभियान पर जोर दिया जाता हैं लेकिन इसमें मामूली अंतर ही आ पाया हैं! ऐसे में आज यह बड़ी समस्या बनती जा रही है की लोगों में धैर्य की कमी और जल्दी के चलते वह मौत का जोखिम लेने से भी नहीं डर रहे हैं! कई बार तो लोग इतने संवेदनहीन हो जाते हैं कि सड़क पर किसी को मारने के बाद गाड़ी की स्पीड बढ़ाकर वहां से भागने में ही भलाई समझते हैं!ऐसे में सरकार को सड़क दुर्घटना से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलानी होंगी और सरकारों को लोगों को यातायात के नियम के प्रति जागरूकता फैलाने का काम करना होगा तथा वही वाहन स्वामियों को भी यातायात के प्रति जागरूक होकर यातायात के नियमों का पालन करना होगा इसी से दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़

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