बीते कुछ वर्षों से लगातार पत्रकारों पर हमलों का सिलसिला जारी है। 24 घंटे के भीतर ही दो पत्रकारों पर हुए हमलो से पत्रकार जगत में रोष व्याप्त है।
फतेहपुर के रहने वाले दिलीप सैनी की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई अस्पताल में दिलीप सैनी का दोस्त जीवन मृत्यु से संघर्ष कर रहा है। वही 24 घंटे के भीतरी ही राजधानी लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र अंतर्गत गर्ग टाइम्स के संपादक हिमांशु गर्ग पर जान लेवा हमला हुआ। ऐसा प्रतीत होता है कि पत्रकारों पर हमले पूर्व संयोजित तरीके से किए जा रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद विपक्ष लगातार यह कहता आया है इस सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं इसलिए यह ताना बाना बुना जा रहा है ताकि सरकार को बदनाम करने और घेरने का मौका मिल सके जो भी पत्रकार चाहे वह प्रिंट मीडिया का हो या फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की अच्छाइयों, एवं उत्तर प्रदेश की जनता के हित में किए जा रहे कार्यों को उजागर करने की कोशिश करता है उत्तर प्रदेश में गुंडे बदमाशों की खबरों को उजागर करता है उस पत्रकार की या तो हत्या कर दी जाती है या फिर डराया, धमकाया जाता है ताकि उनके द्वारा की जा रही गलत गतिविधियों की भनक तक सरकार को न लग सके।
सूत्रों की माने तो अपराधियों के इस कारनामे में कुछ विभाग के लोगों की भी भागीदारी है यही वजह है इनके हौसले इतने बुलंद है और यह लगातार उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इस सरकार को बदनाम करने के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को धूमिल करने के हेतु एक षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है अब यह जरूरी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेकर पत्रकारों की सुरक्षा उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए पत्रकारों के लिए सख्त कानूनी प्रावधान लागू करें। ताकि उत्तर प्रदेश में चल रही सरकार के खिलाफ साजिशें का पर्दाफाश करने एवं अराजक तत्वों द्वारा की जा रही है। गलत गतिविधियों को उजागर करने में किसी पत्रकार के कलम को न रोका जा सके ना किसी पत्रकार को डराया वा धमकाया जा सके। क्योंकि जिस दिन कलम रुक जाएगा उस दिन सब कुछ रुक जाएगा। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस बार उत्तर प्रदेश मुखिया योगी आदित्यनाथ संज्ञान अवश्य लेंगे।
जिला संवाददाता योगेश कुमार गुप्ता