राजगढ़ ब्यूरो चीफ संतोष गोस्वामी
बोवनी के कार्य में जुटे किसान
ब्यावरा आगर मौसम में बदलाव आने के बाद ही अब किसानों ने रबी की फसल की बोवनी की तैयारी शुरू कर दी मौसम में जरा सी ठंड आने के बाद अब किसानों द्वारा गेहूं, चना, ज्यों, मसूर, सरसों, आदि रबी की फसलों को किसानों द्वारा अपनी खेती में बोवनी की तैयारी कर रहे हैं पहले खेत में पानी देते फिर टैक्टर से हकाई जुताई कर के अन्य रबी की फसल की बोवनी कर देते हैं किसानों का कहना है कि नवंबर के अंत तक सभी दूर दूर तक बोवनी सभी दूर हो जाएगी इस बार वर्षा अच्छी हुई लेकिन कुछ जगह पर पानी के जो कुँआ में जो पानी रहता है कुछ दिन बाद गर्मियों के सीजन में कम हो जाता इसलिए जल्दी भी बोवनी करते हैं ताकि बाद में भी फसल में पानी मिल सके और अच्छी पैदावार हो , गेहूं चना आदि रबी की फसल की बोवनी के पहले टैक्टर से हकाई जुताई का कार्य किया जाता है
गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों, रेपसीड, अलसी.
रबी की फ़सलें, मानसून की बारिश खत्म होने के बाद सर्दियों में बोई जाती हैं और गर्मियों में काटी जाती हैं. रबी की फ़सलों का मौसम अक्टूबर से अप्रैल तक चलता है. इन फ़सलों की बुआई अक्टूबर महीने के आखिरी हफ़्ते या दीपावली से पहले की जाती है. इनकी कटाई फ़रवरी के आखिरी हफ़्ते से लेकर मार्च के आखिरी हफ़्ते तक होती है.