झांसी मेडिकल कॉलेज में10 बच्चों की मौत के मामले में भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट ने योगी जी को पत्र लिखा

झांसी मेडिकल कॉलेज में10 बच्चों की मौत के मामले में भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट ने योगी जी को पत्र लिखा

कन्नौद से संवाददाता ओम प्रकाश टाँडी की रिपोर्ट

 

उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना और उसमें 10 शिशुओं की मौत की न्यायिक जांच करवाने एवं लापरवाही बरतने वाले स्टॉफ कर कड़ी कानूनी कार्यवाही के संबंध में भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुनील सिंह जी यादव द्वारा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखा गया एवं पत्र में बताया गया कि 15 नवंबर 2024 की रात्रि में उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में 10 शिशुओं की मृत्यु हो गई थी जो कि कहीं न कहीं अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शाती है मीडिया एवं पीड़ित परिवारों के द्वारा यह जानकारी सामने आई है कि उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से 10 नवजात शिशु असमय काल के मुंह मे समा गए इस घटना में, 10 शिशुओं की मौत के अलावा, कुल 16 बच्चे घायल हो गए इस घटना पर अधिकारियों द्वारा पुष्टि की गई है कि अस्पताल में आग बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी और मरने वाले बच्चे घटना के समय इनक्यूबेटर में थे।हादसा रात करीब रात 10:30 पर हुआ था ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग के चलते आग लगी, फिर धमाका हो गया। पूरे वार्ड में आग फैल गई। वार्ड बॉय ने आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) चलाया, मगर वह 4 साल पहले ही एक्सपायर हो चुका था।जो कि लापरवाही का संकेत देती है भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट के राष्ट्रीय संरक्षक पंडित ऋतिक जी ओझा ,राष्ट्रीय सचिव शिवम तिवारी राष्ट्रीय सदस्य मनीष गुप्ता उज्जैन जिला सदस्य मनोज सांवरिया,इंदौर जिला महामंत्री अनिल जैन, नागदा तहसील अध्यक्ष जीवनलाल जैन चायवाले,इंदौर उज्जैन संभागीय मीडिया प्रभारी भावेश नाहर ने भी पत्र के माध्यम से मांग की है कि झांसी जिले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में आग लगने के कारणों की निष्पक्ष जांच की जाय एवं दोषी स्टॉफ पर कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाकर भारतीय मानव अधिकार सहकार ट्रस्ट को अवगत करवाया जाए

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