सहारनपुर में खनन सिंडिकेट की मनमानी के चलते क्रेशर उद्योग बरबादी की कगार पर

खबर सहारनपुर से

 

सहारनपुर में खनन सिंडिकेट की मनमानी के चलते क्रेशर उद्योग बरबादी की कगार पर।।

 

भाजपा जिला पंचायत सदस्य रामकिशन चौधरी ने खनन सिंडिकेट की सीबीआई जाँच कराए जाने को मुख्यमंत्री को लिखा पत्र।।

 

सहारनपुर में जब से हाजी इकबाल का खनन से हस्तक्षेप हटा था तब से यहां खनन पूर्णतः वैध तरीके से चल रहा था किसी का कोई हस्तक्षेप नही था। खनन व्यापारी खुश थे क्रेशर स्वामी का माल सही दामों पर बिक रहा था और जो किसानों के निजी पट्टे थे उससे किसानों को भी आय हो जाता था और किसान अपना भरण-पोषण कर रहा था। परन्तु जब से सहारनपुर में खनन सिंडिकेट तैयार हुआ है तब से खनन माफिया फिर से सक्रिय हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि खनन सिंडिकेट में 50 से 60 प्रतिशत लोग हाजी इकबाल के हैं जो सिंडिकेट में रहकर मनमानी कर रहे हैं। फिर से वही रवैया अपनाया जा रहा है सिंडिकेट अपने गुर्गों को कोर्ट में खड़ा कर किसान भूमि पट्टों को रुकवा रहा है जिससे स्थानीय किसान बहुत परेशान है। अगर किसानों के पट्टे चालू नही होते हैं तो जहां एक बड़े राजस्व की हानि है वहीं ये किसान भी भुखमरी की कगार पर पहुँच जाएंगे और आम जनता को भी खनन सामग्री मुनासिब दामों पर नही मिलेगा। आज बाजार में खनन सामग्री महंगे दामों पर बिक रहा है जिसके पीछे खनन सिंडिकेट की मनमानी है और यह मनमानी हाजी इकबाल के गुर्गों द्वारा किया जा रहा है जिससे एक बात साफ है कि इकबाल फरार होते हुए भी सहारनपुर खनन में फिर से पैर पसार रहा है। जिन किसानों की जमीनें बंजर हैं अथवा बरसात के दौरान बालू से भर गया है वह ना तो खेती कर पा रहे हैं और ना ही वहां कोई और काम हो सकता है। जब किसान सरकार को राजस्व देकर कृषि पट्टे के रूप में खनन सामग्री सस्ते दामों में क्रेशर पर उपलब्ध करा है तो क्यों इनके पट्टों को कैंसिल कराया जा रहा है। इसके पीछे कारण यही है कि एक किसान 7 रुपये कुंतल कच्चा माल क्रेशर को उपलब्ध कराता था जो आज 35 रुपये कुंतल क्रेशर स्वामियों को मिल रहा है जबकि केवल 10 प्रतिशत ही सालाना मूल्य बढ़ाना तय हुआ था। अब क्रेशर स्वामी 35 रुपये कुंतल कच्चा माल खरीदकर उसे तैयार कर सरकार को कर अदा कर जिस दाम पर बेचेगा उसका सारा जोर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।

आज सिंडिकेट की इसी मनमानी के चलते क्रेशर उद्योग बरबादी की कगार पर है धीरे धीरे क्रेशर बन्द होते जा रहे हैं। खनन सिंडिकेट की मनमानी इसी तरह चलती रही और किसान भूमि पट्टे नही चालू हुए तो सहारनपुर के खनन व्यापारियों को हरियाणा से खनन सामग्री खरीदना पड़ेगा और फिर उत्तरप्रदेश सरकार को जो राजस्व मिलना था वह राजस्व हरियाणा सरकार को मिलेगा। सिंडिकेट में जो लोग हैं ये वही खनन माफिया हैं जो हरियाणा में खनन कारोबार करते हैं जो शासन प्रशासन और संबंधित विभाग को गुमराह करके सहारनपुर के खनन कारोबार को बन्द कर हरियाणा के कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं। अगर सही समय पर इस सिंडिकेट की जाँच नही की गई और आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही नही हुई तो जल्द ही सहारनपुर के क्रेशर बन्द हो जाएंगे और सहारनपुर से खनन कारोबार बंद हो जाएगा।

जिसको लेकर भाजपा जिला पंचायत सदस्य रामकिशन चौधरी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर सिंडिकेट की सीबीआई जाँच कराये जाने की मांग की है जिससे सहारनपुर में खनन व्यापार और क्रेशर उद्योग न बंद हो और किसानों के भूमि पट्टे सुचारू रूप से चालू हो सके।

 

रिपोर्ट रमेश सैनी सहारनपुर इंडियन टीवी न्यूज़

Leave a Comment