बुझने लगी प्यास, लाखों ग्रामीणों की जगी आस
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय
सोनभद्र की नई पहचान बना धंधरौला बांध पर तैरता इंटेक वेल
सैकड़ों गांवों को मिलेगा साफ पानी, अफसर करेंगे निगरानी
सोनभद्र में जल जीवन मिशन की सबसे अनोखी योजना बनकर तैयार
पेयजल योजना के तहत धंधरौल बांध पर तैरता इंटेक दिखाई देगा
इंटेक से जुड़े पाइपलाइन फ्लोटर पर बांध पर तैरते हुए वाॅटर ट्रीटमेंट प्लांट तक जाते हुए नजर आएंगे
सोनभद्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना यूपी के सोनभद्र जिले के लिए वरदान साबित हो रही है। यहां कभी पीने के पानी की समस्या बड़ी विकट थी। भूजल स्तर गिरा रहता था, पानी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठते थे। जल जनित बीमारियों का खतरा मंडराता था। पर, जब से जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना का काम शुरू हुआ स्थितियां बदलने लगीं और परिवर्तन भी आया है। अब सैकड़ों गांव में स्वच्छ पेयजल पहुंच रहा है। बीमारियां भी घटी हैं और ग्रामीणों का स्वास्थ्य भी बेहतर हो रहा है।
सोनभद्र में पेयजल कि समस्या को दूर करने लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित जल जीवन मिशन “हर घर जल” कार्यक्रम के तहत जनपद में सतही श्रोत पर आधारीत 12 नग ग्रामीण पाईप पेयजल योजनाओं का निर्माण विभिन्न फर्मों द्वारा कराया जा रहा है। अधिकांश का काम पूर्ण भी हो चुका है। योजनाओं में जल आहरण हेतु सोन नदी, रेणु नदी, धंघरौल बांध, नगवां बांध एवं रिहन्द बांध के किनारे पर पारंपरिक इण्टेकवेल का निर्माण किया जाना है। रिहन्द बांध, धंघरौल बांध एवं नगवां बांध का धरातल पथरीला होने के कारण पारंपरिक इण्टेकवेल के निर्माण में अत्यधिक समय एवं खर्च लगना था साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने में भी काफी कठिनाईयां आ रही थीं। अतः इसके समाधान के लिये वारी पोन्टून पूणे से फ्लोटिंग इण्टेकवेल हेतु प्रस्तुतीकरण लिया गया और इसके लाभ को देखते हुए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव को जानकारी दी गई। जिसके बाद उन्होंने इन नई विधि से सोनभद्र में पेयजल की चुनौतियों से निपटने का निर्णय लिया और फ्लोटिंग इण्टेक सिस्टम का कार्य प्रारंभ किया गया। संबधित अधिकारियों की मानें तो सरकार की ओर से पेयजल योजना के लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपये मंजूर किया गया है, जिसमे से 2500 हजार करोड़ रुपये परियोजना को शुरू करने और 500 करोड़ रुपये दस साल तक योजना के मेंटेनेंस के लिए दिया गया है। 155 टंकियों से लगभग तीन लाख घरों को पानी देने का लक्ष्य है, जिससे करीब 18 लाख जनता लाभान्वित होगी।
सोनभद्र में भूमिगत जल में अशुद्धियां और कम जलस्तर थी समस्या
जनपद-सोनभद्र क्षेत्रफल की दृष्टि से यूपी का दूसरा सबसे बड़ा जिला है, जो 4 राज्यों मध्य प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं बिहार से घिरा हुआ है। सोनभद्र का 50 प्रतिशत भाग पहाड़ी एवं पथरीला होने के कारण भूमिगत जल में अशुद्धिया एवं जलस्तर कम है।