ब्यूरो चीफ सुन्दरलाल जिला सोलन,
पीएम श्री के वि सुबाथू मे मनाया गया केवीएस का 62वा स्थापना दिवस
आज पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय 14 जीटीसी सुबाथू मे केन्द्रीय विद्यालय संगठन (KVS) का 62वां स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। केन्द्रीय विद्यालय संगठन, जिसकी स्थापना 15 दिसंबर 1963 को की गई थी, आज भारतीय शिक्षा प्रणाली का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है। देशभर के 1256 केन्द्रीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में लगभग 13,56,258 विद्यार्थी शिक्षा अर्जित कर रहे हैं एवं 56,783 कर्मचारी कार्यरत्त हैं। भारत के बाहर तीन केन्द्रीय विद्यालय काठमांडू, मॉस्को और तेहरान में हैं।
इस अवसर पर ग्यारहवीं की छात्रा कुमारी अर्पिता एवम् मनस्वी गर्ग ने भाषण प्रस्तुत किए एवम् शिक्षा के क्षेत्र में केवीएस की भूमिका के बारे में बतलाया। विद्यालय की वरिष्ठ हिन्दी स्नातकोत्तर शिक्षिका डॉ पंकज कपूर के उपस्थित सभी छात्रों एवम् अध्यापकों को केंद्रीय विद्यालय संगठन की प्रतिज्ञा दिलाई।
इस कार्यक्रम में केवीएस के पूर्व छात्रों ने भाग लिया जिनमें से शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन, हिमाचल प्रदेश में सहायक प्रोफेसर एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर के पद पर कार्यरत्त पूर्व छात्र शरद, और प्राथमिक शिक्षा विभाग सोलन में सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत पूर्व छात्र सुनिल पाल ने विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य निर्धारित करने एवम् निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।
मुख्य अतिथि के रूप के उपस्थित विद्यालय की प्राचार्या आशा चौधरी ने केवीएस की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “केन्द्रीय विद्यालय संगठन न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता, संस्कृति और मूल्यों का संरक्षक भी है।” केन्द्रीय विद्यालय संगठन का गठन इस उद्देश्य से किया गया था कि केंद्रीय कर्मचारियों के बच्चों को स्थानांतरण के बावजूद गुणवत्तापूर्ण और सतत शिक्षा मिल सके। आज केवीएस ने न केवल इस उद्देश्य को पूरा किया है, बल्कि शिक्षा के हर क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। यह केवल स्कूलों का समूह नहीं है, बल्कि विविधता में एकता को दर्शाने वाला एक आंदोलन है। आज, केवीएस 21वीं सदी की शिक्षा की जरूरतों के साथ खुद को अपडेट करते हुए आधुनिक तकनीक और नवाचार को अपनाने में अग्रणी है। 1963 में अपने गठन के बाद से केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में नई ऊंचाइयों को छुआ है।
62 वर्षों की इस अद्वितीय यात्रा को पूरा करते हुए, केवीएस ने अपने लक्ष्य को दोहराया कि वह छात्रों को न केवल शिक्षित करेगा, बल्कि उन्हें अच्छे नागरिक और भविष्य के नेता बनाएगा। प्राचार्या ने इस मौके पर कहा, “केवीएस की शिक्षण प्रणाली में जो नैतिक मूल्य और गुणवत्ता है, वह देश के अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणा है।”
इस अवसर पर प्राचार्या महोदया ने सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा, “हम सभी को मिलकर इस संस्था को और भी ऊंचाइयों पर ले जाना है। केवीएस का उद्देश्य केवल शिक्षा देना नहीं, बल्कि जिम्मेदार नागरिक तैयार करना है।”
विद्यालय के भूगोल स्नातकोत्तर शिक्षक सुनिल कुमार भाटिवल ने कहा कि 62वें स्थापना दिवस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि केन्द्रीय विद्यालय संगठन भारतीय शिक्षा प्रणाली की रीढ़ है एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण और राष्ट्रीय एकता की मिसाल पेश की है और यह आने वाले वर्षों में भी नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा। केवीएस का उद्देश्य केवल परीक्षा की तैयारी करना ही नहीं है, बल्कि जीवन के लिए विद्यार्थियों को तैयार करना है। सह-शैक्षिक गतिविधियों, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और नवाचारी शिक्षण पद्धतियों के माध्यम से, हम ऐसे नागरिक तैयार कर रहे हैं, जो मूल्यों में जड़े हुए हैं और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कार्यकर्म के अंत में विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका डॉ पंकज कपूर ने सभी पुर्व छात्रों का आभार व्यक्त किया एवम् सभी से आह्वान किया कि हम सब यह संकल्प लें कि केवीएस के दृष्टिकोण को हमेशा बनाए रखेंगे और एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगें। इस समारोह को सफल बनाने में सुषमा, सुनिल कुमार भाटिवल, विपिन रमोला, डॉ पंकज कपूर एवम् अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।