जलभराव वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाये -कलेक्टर, अतिवर्षा एवं बाढ़ से निपटने के लिये आपदा प्रबंधन की बैठक सम्पन्न
उज्जैन 03 जून। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि सभी एसडीएम डूब के हिसाब से संवेदनशील क्षेत्रों की सूची अपडेट करें। ऐसे क्षेत्रों को चिन्हांकित किया जाये, जहां जलभराव हो सकता है। वर्षा ऋतु में अपने क्षेत्र में विशेष ध्यान दें। जिन क्षेत्रों में डूब की स्थिति निर्मित हो रही है, वहां के समीप शरण स्थल जैसे स्कूल, धर्मशाला आदि का उचित वेरिफिकेशन किया जाये। कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में गुरूवार को बृहस्पति भवन के सभाकक्ष में आगामी वर्षा ऋतु के मद्देनजर अतिवर्षा एवं बाढ़ से निपटने के लिये आपदा प्रबंधन की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एडीएम श्री नरेन्द्र सूर्यवंशी, नगर निगम आयुक्त श्री क्षितिज सिंघल, अपर कलेक्टर श्री अवि प्रसाद, डीईओ सुश्री रमा नाहटे, महिला एवं बाल विकास विभाग के श्री गौतम अधिकारी, सभी एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।
डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट श्री संतोष कुमार जाट द्वारा पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से उज्जैन जिले के भौगोलिक स्वरूप, आधारभूत जानकारी, जिले की जलवायु एवं वर्षा का स्वरूप, उज्जैन जिले की नदियां एवं प्रभावित क्षेत्र, उज्जैन जिले में प्रवाहित नदियों का मानचित्र, सिंचाई योजनाओं के डाउनस्ट्रीम से प्रभावित गांव आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बताया गया कि उज्जैन जिले की औसत वर्षा लगभग 900 मिमी है। जिले में मानसून दो रास्तों से प्रवेश करता है। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम उड़ीसा होते हुए छत्तीसगढ़ के रास्ते उज्जैन पहुंचता है और अरब सागर में सक्रिय सिस्टम मुम्बई होते हुए उज्जैन में दस्तक देता है। उज्जैन में अरब सागर से आने वाला मानसून ज्यादा सक्रिय रहता है। बैठक में उज्जैन जिले की नदियां और प्रभावित क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बैठक में निर्देश दिये गये कि वाट्सअप ग्रुप बनाये जायें, जिनमें आपात स्थिति में भी संचार बनाये रखें। मौसम सम्बन्धी चेतावनी जारी हो तो सभी लोग उससे अवगत हो सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के सरपंच और सचिव को सम्मिलित कर वाट्सअप ग्रुप बनाये जायें। ऐसे गांव जो नदी अथवा तालाब के किनारे हों, उनका विशेष ध्यान रखें। नगर निगम द्वारा सीवर लाइन के पास हार्ड बेरिकेटिंग की जाये। जिन विभागों के अधिकार क्षेत्र के अन्तर्गत बांध आते हैं, वहां की पाल की जानकारी लें।
डब्ल्यूआरडी सभी तालाबों को चेक करे। बैठक में जानकारी दी गई कि आवश्यकता पड़ने पर आने वाले दिनों में इन्दौख बांध के गेट खोले जायेंगे। कलेक्टर ने कहा कि गेट खोलने से पहले आसपास के गांव तथा आगे लगने वाले आगर जिले में आवश्यक सूचना भिजवा दी जाये। जिले में क्षतिग्रस्त पुल-पुलियाओं का चिन्हांकन कर उनके समीप साईन बोर्ड लगाये जायें तथा पुलियाओं को तुरन्त दुरूस्त करवाया जाये। सभी एसडीएम उनके क्षेत्र में स्थित छोटी-बड़ी रपट के पास संकेतक लगायें। जहां बारिश के समय खतरा अधिक हो वहां रपट से आवागमन पर रोक लगाई जाये। कलेक्टर ने महिदपुर में रेस्क्यू बोट उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये।
जिले में गोताखोरों की पर्याप्त व्यवस्था की जाये। कलेक्टर ने एमपीईबी के अधिकारी से बारिश के पहले विभाग द्वारा किये जाने वाले मेंटेनेंस की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि विभाग इस सम्बन्ध में विशेष सावधानी बरते। कुछ दिन पहले आई आंधी और तेज बारिश के कारण जगह-जगह पेड़ गिरने से विद्युत आपूर्ति में काफी व्यवधान हुआ था। इससे आमजन काफी परेशान हुए थे, आगे से ऐसा न हो, यह सुनिश्चित किया जाये।
कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ के दौरान नीचली बस्तियों में बोट उतारनी पड़ती है। जिले में रेस्क्यू बोट, मोटर बोट की संख्या बढ़ाई जाये। इस हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाये। गोताखोरों के लिये डायविंग सूट उपलब्ध कराये जायें। गोताखोरों के उपयोग में आने वाले ऑक्सीजन सिलेण्डर की संख्या भी बढ़ाई जाये। सूचना एवं चेतावनी प्रणाली को उन्नत किया जाये।
पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने निर्देश दिये कि छोटी नदियों में बारिश के दौरान पानी तत्काल भरता है। छोटी पुल-पुलियाओं पर विशेष फोकस करें। सभी सम्बन्धित विभाग इस ओर ध्यान दें। पुलियाओं के समीप चेतावनी बोर्ड लगायें। छोटी नदियों और तालाबों में लेवल इंडिकेटर लगाये जायें। छोटे नालों की सफाई करवाई जाये, ताकि पानी का प्रवाह निर्बाध रूप से होता रहे। साथ ही आपदा की स्थिति में रिस्पाँस टाईम को कम से कम किया जाये। आपात स्थिति में बचाव दल अत्यन्त कम समय में स्थल पर पहुंचे। रात में उपयोग में आने वाले टॉर्च और लैम्प की पर्याप्त व्यवस्था की जाये।
ज़िला ब्यूरो उज्जैन से विशाल जैन की रिपोर्ट