समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित शक्ति सदन में आवासित बालिका को प्रशासन के प्रयास ने परिवार से मिलाया

नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो चीफ हजारीबाग

समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित शक्ति सदन में आवासित बालिका को प्रशासन के प्रयास ने परिवार से मिलाया

आवासित बालिका लगभग 5 वर्ष से अपने परिवार से थी दूर

जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, हजारीबाग श्रीमती शिप्रा सिंहा के दिशा-निर्देश पर एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। विदित हो कि समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत जिले में शक्ति सदन का संचालन किया जा रहा है जो पूर्व में स्वाधार गृह एवं उज्जवला होम के नाम से संचालित था। इस शक्ति सदन में शोषण अथवा उत्पीडन की पीडिता महिलाओं को अल्पकालिक आश्रय एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। उल्लेखनीय है कि शक्ति सदन में आवासित एक बालिका लगभग 05 वर्ष पूर्व अपने माता-पिता व परिवार से भटक गई थी जिसे पुलिस के द्वारा 16 अक्टूबर को संस्था को सुपुर्द किया गया था। संबंधित बालिका के साथ उत्पीडन किए जाने के कारण वह अपने घर-परिवार के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ बताने में सक्षम नहीं थी। बालिका से पूछताछ पर वह अपना घर चतरा जिले के नवाटाँड बता रही थी। ऐसी स्थिति में चतरा जिले के बाल कल्याण समिति से संपर्क स्थापित किया गया तथा संबंधित क्षेत्र का सत्यापन किये जाने हेतु अनुरोध किया गया था परन्तु सफलता नहीं मिली। तत्पश्चात अन्य स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त की गई, परन्तु कोई स्पष्ट जानकारी नही मिल पाई।
तदोपरांत जिला समाज कल्याण पदाधिकारी हजारीबाग के निर्देश पर दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया, जिसमें विधि-सह-परिवीक्षा पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं शक्ति सदन की प्रभारी प्रतिमा कुमारी थे। साथ ही साथ आवश्यक सहयोग के लिए बाल कल्याण समिति के सदस्य मुन्ना पाण्डेय एवं महिला पर्यवेक्षिका अनुसूइया कुमारी को भी शामिल कर लिया गया था।
इस टीम के सदस्यों ने बालिका को लेकर सरकारी वाहन में उसके घर परिवार के खोजबीन के लिए निकल गई। काफी खोजबीन करने के उपरांत उक्त बालिका का घर परिवार हजारीबाग जिले में ही कदमा के समीप नवाटाँड गाँव में मिला। अपने घर पहुँचते ही बालिका ही नहीं बल्कि उसके परिवार वाले भी काफी खुश हो गये। उसके परिवार वालों से पूछे जाने पर बताया गया कि उसके गुमशुदगी के बाद लगभग दो वर्षों तक खोजबीन किया गया था परन्तु पता नही चलने पर संबंधित थाने को सूचित करते हुए खोज बीन करना छोड दिये थे। ज्ञातव्य है कि उक्त बालिका के पिता का देहान्त हो चुका है एवं माँ भी शारीरिक रूप से चलने फिरने में लाचार है। उसकी शादी भी पदमा प्रखण्ड निवासी एक लड़के से कर दिया गया था,परन्तु वह शराब पीकर पति के द्वारा उसके साथ मार-पीट किया जाता था। जिसके कारण घर से निकल गई थी, तथा मानसिक स्थिति असामान्य हो गई थी।

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