लेखपालों ने मांगों को लेकर बुलंद की आवाज किया प्रदर्शन

लेखपालों ने मांगों को लेकर बुलंद की आवाज किया प्रदर्शन
सोनभद्र समाचार ब्यूरोचीफ नन्दगोपाल पाण्डेय

सोनभद्र। शनिवार को सदर तहसील परिसर में उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ द्वारा विरोध  करते हुए मुख्यमंत्री नामित ज्ञापन जिला अधिकारी  को देकर बुलंद की आवाज जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह ने बताया कि जनपद बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप की निर्मम हत्या / अपहरण सहित प्रदेश मे अन्य लेखपालों के साथ भी आए दिन होने वाली मारपीट, जानलेवा हमले, धमकी की घटनाओं में पुलिस एवं प्रशासन की संवेदनहीनता विषयक ।
जिला अध्यक्ष सुबोध सिंह ने बताया कि जनपद बरेली में एंटी भूमाफिया अभियान के अंतर्गत सरकारी भूमि अतिक्रमण जॉच कार्य चल रहा है और अधिकारियों द्वारा एक एक भूमाफिया के खिलाफ एफ०आई०आर० दर्ज करने हेतु लेखपालों को निर्देश दिए गए हैं। जनपद बरेली में कार्यरत लेखपाल के क्षेत्र में गंगा नदी तलहटी की जमीन पर अवैध कब्जे के प्रकरण संज्ञान में आए है। इसी दौरान लेखपाल की ग्राम प्रधान से कुछ विवाद होना भी संज्ञान में आया है। उसी के बाद सम्बन्धित हल्के से लेखपाल का स्थानान्तरण कर दिया गया, फिर 27.11.2024 से लेखपाल गायब हो गया। लेखपाल मनीष कश्यप के गायब होने की सूचना उ०प्र० लेखपाल संघ पदाधिकारियों द्वारा थाना प्रभारी एवं उपजिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को देने के बावजूद पहले एक सप्ताह तक गम्भीरता से नही लिया गया।

मृतक लेखपाल के परिजनों द्वारा भी एफआईआर दर्ज कराई गई। परिजनों के हंगामा करने के बाद शासन एवं सरकार द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद पुलिस ने सर्च आपरेशन शुरू किया। अपहरण के 18 दिन बाद दिनांक 15 दिसम्बर को एक नर कंकाल (सिर कंकाल) बरामद कर हत्या के रूप में घटना का खुलासा किया है। खुलासा भी संदेहास्पद प्रतीत होता है। फिरोती के लिए हत्या की घटना बताई जा रही है जबकि फिरोती के लिए कोई डिमांड किसी भी रूप में मृतक लेखपाल के परिजनों से अभी तक नहीं बताई है। पुलिस एवं प्रशासन की संवेदनहीनता, हीलाहवाली, लीपापोती पर लेखपालों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है।

कोई भी भूमि विवाद की जांच हो. पैमाईश हो, कब्जा हटवाना हो, अधिकारियों द्वारा लेखपालों को ही क्षेत्र में भेज दिया जाता है। लेखपाल से ऊपर अधिकांश अधिकारी केवल वाट्स एप पर निर्देश देने/फॉर्वर्ड करने तक सीमित रहते हैं। अकेले लेखपाल ही क्षेत्र में जनता/भूमाफिया से दुश्मनी लेता रहता है। राजस्व विभाग के कार्य के साथ अन्य विभागों से संबंधित कार्यों में लेखपालों को ही लगाया जाता है जिससे जनता का कोई भी काम हो, उसके मनमाफिक न होने पर लेखपाल को ही जिम्मेदार मानती है। कतिपय जनपदों में तो अधिकारी किसी भी अतिक्रमण के लिए अथवा पराली जलाने के लिए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर लेखपालों से दर्ज करवाते हैं। इन समस्त कारणों से आए दिन लेखपालों के साथ क्षेत्र/तहसील में अभद्रता, मारपीट, जानलेवा हमले, जान से मारने की धमकी की घटनाएं हो रही है और पुलिस के साथ साथ कुछ राजस्व विभाग के अधिकारी भी संवेदनहीन बने रहते हैं। हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने/प्रभावी कार्रवाई करवाने के लिए तहसील/जनपदों में लेखपालों को आंदोलन करने पड़ते हैं। वर्ष 2019 जनपद कन्नौज में महिला लेखपालों के साथ अधिवक्ताओं द्वारा अभद्रताए मारपीट की गई और पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ नहीं किया जिस कारण एक महीने पूर्व तहसील सभागार में घटना की पुनरावृत्ति हुई। इसी प्रकार जनपद बुलंदशहर में जानलेवा हमले के बाद पुलिस कार्रवाई हेतु लेखपालों को 10 दिन आंदोलन चलाना पड़ा। गाजीपुर, शाहजहांपुर, हरदोई तमाम जनपदों में ऐसी घटनाएं हो चुकी है। जनपद संतकबीरनगर में आज भी पुलिस कार्रवाई हेतु लेखपालों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है, किन्तु जिला अधिकारी महोदय एवं पुलिस गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं।

लेखपालों द्वारा पुलिस एवं प्रशासन की संवेदनहीनता पर आक्रोश व्यक्त किया और निम्न मांग की गई –

1. बरेली में लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या सत्यापन हेतु डी एन ए जांच की शीघ्र रिपोर्ट मंगवा कर मृत्यु की स्थिति स्पष्ट की जाए।

2. वरेली लेखपाल हत्याकांड की सी बी आई जांच हो जिसमें घटना के सही कारणों एवं दोषियों का खुलासा हो।
3. समस्त दोषियों की गिरफ्तारी के बाद मख्त सजा दिलाई जाए। साथ ही एक ममाह तक संवेदनहीनता एवं लापरवाही के दोपी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की जाए।

4. मृतक/अपहृत का परिवार गरीब एवं असहाय है। मृतक के पिता की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है। मृतक की माता एवं पत्नी/बच्चों को 50-50 लाख रुपए आर्थिक महायता प्रदान की जाए।

5. जांच रिपोर्ट मे मृत्यु तस्दीक होते ही मृतक आश्रित कोटे मे नौकरी एवं असाधारण पेंशन व देयकों का भुगतान तत्काल किए जाएं।

6. प्रदेश में कार्यरत इच्छुक लेखपालों को शस्त्र लाइसेंस बिना पुन्निम कार्रवाई के केवल उपजिलाधिकारी की रिपोर्ट पर दिए जाएं।7. लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक के साथ शासकीय कार्य के कारण/आन ड्यूटी घटना (सरकारी कार्य में बाधाएअभद्रताए मारपीटए मारने की धमकीए हमला) को गैर जमानती अपराध घोषित किया जाए। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को त्वरित व प्रभावी कार्रवाई के निर्देश निर्गत किए जाएं।

8. क्षेत्र में रात्रि निवास की बाध्यता समाप्त की जाए।

9. लेखपालों से कोई एफआईआर दर्ज न करवाई जाए।

10. उ प्र राजस्व संहिता की धारा 67 की रिपोर्ट के लिए आनलाइन पोर्टल विकमिन किया जाए।

11. अवैध खनन के प्रकरणों में लेखपाल केवल रायलटी/जुर्माना रिपोर्ट करेगा। अवैध खनन पकड़ने में ड्यूटी न लगाई जाएं।
इस मौके पर लेखपाल संघ तहसील अध्यक्ष संजय सिंह साजिद खान पंकज विवेकानंद तिवारी सुधीर कुमार कन्हैयालाल अनीता गुप्ता श्वेता सिंह निशा अलका रुचि वंदना कल्पना सविता कंचन सहित आदि लोग मौजूद रहे।

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