नरेश सोनी
इंडियन टीवी न्यूज
ब्यूरो हजारीबाग
मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लोकपाल के अवार्ड में भी किया जा रहा है फेर बदल
सरकार के आदेश का भी पालन नहीं करते हैं जिला के वरीय अधिकारी
1 वर्ष बीत जाने के बाद भी दोषीवारों पर नहीं हुई है कोई कार्रवाई
हजारीबाग:हजारीबाग जिला के दारु प्रखंड में व्याप्त मनरेगा में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य रोहित प्रसाद मेहता ने ग्रामीण विकास सचिव झारखंड सरकार रांची और मनरेगा आयुक्त रांची को लिखित आवेदन देकर शिकायत किया ।शिकायत की त्वरित कार्रवाई करते हुए मनरेगा आयुक्त ने हजारीबाग मनरेगा लोकपाल को जांच का आदेश दिया। जिसमें सभी शिकायतें सही पाई गई ।इसके बावजूद मनरेगा लोकपाल के द्वारा पास अवार्ड में दारू के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी सुशील कुमार राय पर लाखों रुपए की जप्ती करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का अवार्ड पारित किया गया है। साथ ही साथ मनरेगा की बीपीओ स्वाति वर्मा, कंनीय अभियंता संजय कुमार, रोजगार सेवक सुदामा रविदास, पंचायत सेवक संजय दूबे, मुखिया भोला तुरी सहित कई लोगों को दोषी पाते हुए अवार्ड पारित करते हुए सरकारी राशि की वसूली, संविदा कर्मीयों की संविदा रद्द करतें हुए प्राथमिकी दर्ज करने का अवार्ड पारित किया गया।मनरेगा लोकपाल 31 योजनाओं में जांच किया सभी योजना धरातल पर फर्जी पाए जाने के बाद सरकारी राशि की वसूली उपरोक्त कर्मियों वीडियो सहित अन्य पर अवार्ड पारित किया। साथ ही 12% ब्याज के साथ राशि की वसूली करते हुए संविदा रद्द कर प्राथमिकी दर्ज करने का भी अवार्ड पारित किया गया। लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उपरोक्त कर्मियों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साथ ही कई प्रकार की टीम बनाकर मामले को इधर-उधर तुतलाने का प्रयास किया जा रहा है और सरकारी खाते की राशि का गबन किया जा रहा है। मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को भी जारी रखा गया है। मनरेगा लोकपाल के अनुसार प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी स्वाति वर्मा द्वारा 34 जाली मास्टर रोल संग्रहित कर हस्ताक्षर नहीं किया गया है।34 मास्टर रोल को फर्जी जारी करना सहित कई अन्य मामले को देखते हुए प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी स्वाति वर्मा दारू के खिलाफ मनरेगा कानून की धारा 25 के तहत कई लाख रुपये जुर्माने के रूप में वसूली करने का भी अवार्ड पारित की गई है ।साथ ही अनियमितता में संविदा कर्मी स्वाति वर्मा को 1482 दिनांक 6 -7-2016 के कंडिका तीन के अनुसार संविदा रद्द करने एवं कार्य मुक्त करने की भी अनुशंसा की गई है। जो 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक स्वाति वर्मा फिर करते हुए अपने कार्य में कार्यरत है। इसके साथ-साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी, रोजगार है सेवक ,पंचायत सेवक, कंनीया अभियंता, मुखिया सहित दर्जनों लोगों को दोषी पाया गया है। लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है। इस प्रकार दारू प्रखंड में अगर निष्पक्ष जांच किया जाए। तो मनरेगा अधिनियम के तहत अरबो- खरबो रुपए का हेरा फेरी करते हुए घोटाले की उजागर होगा। इतना ही नहीं एक ही योजनाओं को कई बार प्रखंड में निकासी करते हुए बिचौलिए एवं सरकारी कर्मचारी और मनरेगा कर्मी सभी मालोमाल है। वही शिकायतकर्ता रोहित प्रसाद मेहता ने बताया कि यदि जिला प्रशासन द्वारा इस पर त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती है। तो इस अवार्ड के करवाई करवाने के लिए मैं न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा।