लोग अपने बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय भेजते हैं लोगों की विद्यालय के शिक्षको से यही अपेक्षा रहती है पर बछरवारा विद्यालय के शिक्षक मदनमोहन शर्मा एवं लक्ष्मी कांत द्विवेदी के लाचार शैक्षणिक स्तर के कारण लोगों में उदासीनता है।
बछरवारा विद्यालय के उक्त शिक्षकों का उद्देश्य शासन की वेतन लेना मकसद बन गया है जब तो यह विद्यालय पहुंचकर कर टाइम पास करते हैं और बच्चों को पढ़ाने लिखाने की बजाय मोबाइल चलाते रहते हैं और गांव में राजनीति कि वार्तालाप में मस्त रहते हैं इनकी निष्क्रियता के कारण गांव के किसान मजदूर गरीब परिवार तक के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दूरस्थ भेजते हैं क्योंकि लोग अपने बच्चों को बछरवारा विद्यालय में पढ़ाने से कतराते हैं और इस विद्यालय मे बच्चो को पढ़ाने के से अपने बच्चों का भविष्य अंधकार में समझते हैं आज लोगों की ऐसी महात्वाकांक्षा है की जब शासन से निशुल्क शिक्षा हेतु सरकारी विद्यालय बने हैं तो क्यों न हम अपने बच्चों को।इन विद्यालयों में पढाएं। बछरवारा के स्कूल जैसे जहां शिक्षक रहते हैं वहां लोगों के बहुउद्देशीय विचार का महत्व नहीं रहता
और लोग लाचार विवशता में अपने नैनिहालो को दूरस्थ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाते हैं आज अकर्मण्यता शिक्षक मदनमोहन शर्मा एवं लक्ष्मी द्विवेदी की वजह से बछरवारा विद्यालय में सूर्योदय नहीं हुआ ऐसा लगता है उक्त विद्यालय में राजनीतिक जामवडा लगता है और।इस राजनीतिक चर्चा मोबाइल पर रील देखकर टाइम पास करके उक्त शिक्षक चले जाते हैं। इन शिक्षकों की वजह से शासन का उद्देश्य और ग्रामीणों के बहुउद्देशीय विचारों का सपना असफल रहा है इस का सर्वे होना चाहिए कि। ग्रामीण अपने बच्चों को क्यों इस बछरवारा के विद्यालय में नहीं पढ़ा रहे हैं और क्यों गरीबी झेल रहे लोग अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ाना चाहते हैं
सत्तर हजार रुपए की वेतन पाने वाला व्यक्ति शिक्षक क्यों नहीं पढ़ाना चाहता। क्योंकि। सासकीय नौकरी है। शासन लाखों रू खर्च करके स्कूल बना रही है और लोखो रू वेतन देकर पानी में बहा रही है इस शिक्षा के मंदिर की मुख्य विंदुओं में जांच हो। और उक्त विद्यालय के उक्त शिक्षकों को बर्खास्त किया जाए आखिर कमी कहां है कि लोग अपने बच्चों को इस विद्यालय में क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं क्यों न बर्खास्त कर शासन की मुफ्त की ली गई वेतन वसूलनी चाहिए शिक्षा स्तर के बेहतर बनाने के उद्देश्य से हम आप को भी। ऐसे शिक्षको के विरूद्ध आवाज उठानी चाहिए और कार्यवाही करवानी चाहिए