ब्यूरो चीफ सुंदरलाल जिला सोलन,
सुभाथू, 25 जनवरी: पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय 14 जीटीसी सुभाथू में राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी 2025 को उत्साहपूर्वक मनाया गया। यह दिवस भारत के निर्वाचन आयोग की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मतदान के महत्व को समझाना और युवाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य आशा चौधरी के प्रेरणादायक भाषण से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “मतदान केवल हमारा अधिकार नहीं, बल्कि एक ऐसा साधन है जो बदलाव ला सकता है। एक वोट देश के भविष्य को तय कर सकता है, इसलिए हमें हमेशा सही और जिम्मेदारीपूर्ण निर्णय लेना चाहिए। आज हम राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहे हैं, आइए यह प्रण लें कि हम लोकतंत्र के मूल्यों को बनाए रखेंगे और हर किसी को मतदान के महत्व के प्रति जागरूक करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि युवा मतदाता देश की शक्ति और उम्मीद हैं और उन्हें अपने परिवार और समाज में मतदान के महत्व को प्रसारित करना चाहिए।
इसके बाद सुनील कुमार (पीजीटी भूगोल) ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने भारत के निर्वाचन आयोग के ऐतिहासिक योगदान और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “भारत के भविष्य का निर्माण जागरूक और जिम्मेदार मतदाता ही कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोकतंत्र को सशक्त बनाएं और चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय भाग लें।”
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्र जागरूकता रैली थी, जिसमें छात्रों ने “बदलाव के लिए वोट करें” और “आपका वोट, आपकी आवाज़” जैसे नारों के साथ मार्च निकाला। छात्रों ने रंग-बिरंगे बैनर और पोस्टर लेकर मतदान के महत्व का संदेश स्थानीय समुदाय तक पहुंचाया। रैली ने क्षेत्र के निवासियों को मतदान के अधिकार का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
इस कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन सुनील कुमार भाटीवाल (पीजीटी भूगोल), सुषमा (पीजीटी अंग्रेजी) और सांगमित्रा (टीजीटी कला शिक्षा) ने किया। इन शिक्षकों ने पोस्टर प्रतियोगिता और रैली के आयोजन से लेकर छात्रों को जागरूक और प्रेरित करने तक हर पहलू का समन्वय किया।
कार्यक्रम का समापन छात्रों द्वारा यह संकल्प लेने के साथ हुआ कि वे अपने मतदान अधिकार का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। यह आयोजन भविष्य के मतदाताओं को उनके अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।