अधिष्ठाता ने विभिन्न विभागों के अध्यक्षों की ली बैठक

ब्यूरो चीफ गजेंद्र सिंह यादव

अधिष्ठाता डॉ.आर.के.एस.धाकड़ द्वारा आज दिनांक 01/02/2025 को अकादमिक एवं रिसर्च के उन्नयन को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय के समस्त विभागों के अध्यक्षों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ.सुधीर सक्सेना, विभागाध्यक्ष न्यूरोलॉजी डॉ.दिनेश उदैनिया, विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी डॉ.अविनाश शर्मा, विभागाध्यक्ष एनाटॉमी डॉ.अखिलेश त्रिवेदी, विभागाध्यक्ष इमरजेंसी मेडिसिन डॉ.जीतेंद्र अग्रवाल एवं अन्य विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

अधिष्ठाता द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों को बताया गया कि शासन द्वारा प्रत्येक विडियो कांफ्रेंसिंग में अकादमिक स्तर को सुधारने के निर्देश दिए जाते हैं अतः आवश्यक है कि स्तर को सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं।
अधिष्ठाता द्वारा विभागाध्यक्षों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस के संबंध में निर्देशित किया कि कुछ फेकल्टी नियत समय में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कर रही हैं और इसके लिए विभागाध्यक्षों की भी जिम्मेदारी तय की जायेगी।
बाल एवं शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ.अजय गौड़ द्वारा सुझाव दिया गया कि पीजी छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक एसीएलएस ट्रेनिंग में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उसमें प्रति छात्र का खर्च संस्था द्वारा वहन किया जाए। साथ ही अकादमिक समय प्रातः 08 बजे से सायंकाल 04 बजे तक करने का सुझाव दिया गया। सुझाव पर अधिष्ठाता ने शासन व एनएमसी से उक्त के विषय में अनुरोध करने का आश्वासन दिया है व अकादमिक समय के संबंध में अधिष्ठाता द्वारा बताया गया कि अकादमिक समय प्रातः 08 बजे से ही है और इस पर शासन द्वारा आदेश भी जारी किए गये हैं।
अधिष्ठाता डॉ.आर.के.एस.धाकड़ द्वारा मेंटर-मेंटी योजना की समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की गयी। उन्होंने कहा कि सिर्फ कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के चिकित्सा शिक्षकों द्वारा ही योजना पर किए गये कार्य की जानकारी भेजी है। बॉयोकेमिस्ट्री विभागाध्यक्ष डॉ.संजीव सिंह ने बताया कि उनके द्वारा उनको नियुक्त छात्र-छात्राओं से सतत संपर्क स्थापित किया जा रहा है व भविष्य में भी ऐसा संपर्क और समन्वय छात्र-छात्राओं से बना रहेगा।
अधिष्ठाता द्वारा इंटर्नशिप व पीजी विद्यार्थियों की लॉगबुक प्रत्येक दिन भरने व विभागाध्यक्ष उक्त कार्य को स्वयं देखें, ऐसा निर्देशित किया गया है।
विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ.संजय धवले द्वारा बताया गया कि पीजी छात्र अनेक बार टीचिंग कक्षा में समय से उपस्थित नहीं होते हैं। अधिष्ठाता द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि पीजी छात्र-छात्राओं की टीचिंग कक्षाएं नियमानुसार लगें व वे कक्षा में आएं इसकी जवाबदेही विभागाध्यक्ष की है और यदि वे अनुपस्थित होते हैं तो उसको लॉगबुक में अंकित किया जाए।
विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी व पीजी टीचिंग इंचार्ज डॉ.अजीत राजपूत द्वारा यूजी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बायोमेट्रिक से ही किए जाने का अनुरोध किया है। जिस पर अधिष्ठाता द्वारा एन एम सी शाखा के माध्यम से बायोमेट्रिक मशीनें खरीदने और छात्रों की उपस्थिति बायोमेट्रिक से ही दर्ज हो, इस पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है।
संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ.सुधीर सक्सेना द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों से अनुरोध किया कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति देखकर ही उन्हें नियमानुसार परीक्षा में सम्मिलित होने दिया जाए।
अधिष्ठाता डॉ.आर.के.एस.धाकड़ द्वारा बताया गया कि आप सभी के द्वारा चिकित्सकीय कार्य के साथ अकादमिक स्तर सुधारने व एनआइआरएफ में संस्था को टॉप 50 में लाने के उद्देश्य से कार्य किये जाएं व अंतर्विभागीय सीएमई का आयोजन भी किया जाए और इस हेतु आप सभी पूरे वर्ष का कैलेंडर भेज दें जिससे ओवरलेपिंग की संभावना को दूर किया जा सके। साथ ही साप्ताहिक रिपोर्ट पब्लिश हो सके इस हेतु प्रत्येक शनिवार को सुबह 11:00 बजे तक सकारात्मक रिपोर्ट संस्था के ईमेल पर आवश्यक रुप से प्रेषित करने के आदेश जारी किए गए हैं।
अधिष्ठाता ने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार की प्रोफवार बैठक का आयोजन व उनकी समीक्षा की जावेगी जिससे दिए गये निर्देशों पर विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी भी प्राप्त हो सके।

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